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महराजगंज सीट पर पूर्वांचल के सबसे बड़े बाहुबली परिवार को मिल सकता है बसपा का टिकट

locationमहाराजगंजPublished: Feb 28, 2018 01:29:09 pm

हरिशंकर तिवारी के परिवार पर बसपा को भरोसा, इसलिए गणेश शंकर पांडेय और भीष्म शंकर के नाम की चर्चा

bsp can declare bhrahman candidate from mahrajganj seat for 2019

महराजगंज सीट पर पूर्वाचंल के सबसे बड़े बाहुबली परिवार को मिल सकता है बसपा का टिकट

यशोदा श्रीवास्तव
महराजगंज. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की छानबीन शुरू कर दी है। इस चुनाव क्षेत्र से बसपा भी मजबूती से मैदान में रहती है। उसके सामने दिक्कत यह है कि, वह हर बार उम्मीदवार बदल देती है। इसलिए वोटर उसके प्रति स्थिर नहीं हो पाते। सिर्फ तलत अजीज ही एक ऐसी उम्मीदवार रहीं हैं, जिन्हें दो बार चुनाव लड़ने का मौका मिला है। उसके बाद किसी उम्मीदवार को दुबारा चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला।
देखा जाय तो इस संसदीय सीट से बसपा को बढ़त 1996 से मिलनी शुरू हुई है। जब स्व हर्षवर्धन को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने करीब पौने दो लाख वोट पाकर बसपा को इस सीट पर सम्मानजनक स्थान दिलाया था। उसके बाद पार्टी ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए 1999 में तलत अजीज को टिकट दिया। तलत अजीज अकबर अहमद डंपी की मार्फत टिकट पाने में कामयाब हुई थीं। इस चुनाव को हारने के बाद उन्हें 2004 में भी पार्टी ने टिकट दिया लेकिन वे नहीं जीत सकीं।
2009 में बसपा ने ब्राम्हण कार्ड खेला और विधानपरिषद के सभापति रहे गणेश शंकर पांडेय को मैदान में उतारा जिन्हें कांग्रेस उम्मीदवार स्व हर्षबर्धन से मात खानी पड़ी। 2014 में पार्टी ने फिर ब्राम्हण कार्ड खेला और इस बार एक नामी गिरामी बिल्डर काशीनाथ शुक्ला को मैदान में उतारा। भाजपा लहर में उन्हें हार जाना पड़ा, लेकिन अच्छा वोट बटोरते हुए वे दूसरे नंबर पर थे।
इस बार काशीनाथ शुक्ला के चुनाव लड़ने की संभावना न के बराबर है क्योंकि पार्टी के एक पदाधिकारी का कहना है कि, वे 2014 का चुनाव परिणाम आने के बाद से वे अब तक न तो जिले में दिखाई दिए हैं और न ही पार्टी के किसी कार्यक्रम में ही शिरकत किए। वे पार्टी में हैं भी या नहीं यह भी किसी को नहीं मालूम है।
20014 का संसदीय चुनाव बसपा के लिए बहुत खराब रहा, क्योंकि इस पार्टी के उद्भव के बाद यह पहला चुनाव था जब उसके एक भी उम्मीदवार लोकसभा का मुंह नहीं देख पाए। 2019 के चुनाव में बसपा बहुत ही सतर्क है और फूंक फूंक कर उम्मीदवारों का चयन करेगी। चर्चा है कि, महराजगंज संसदीय सीट से बसपा इस बार फिर ब्राम्हण कार्ड खेलने का मन बना रही है। ऐसे में वह कौन सा ब्राम्हण चेहरा होगा जो इस सीट से उम्मीदवार हो सकता है।
पूर्वांचल में देखा जाय तो पं हरिशंकर तिवारी ही एक ऐसा नाम है जिसका ब्राम्हणों में असर है। ब्राम्हण अगर किसी के नाम पर रूख बदलता है तो वह हरिशंकर तिवारी ही हैं। इसका उदाहरण यही है कि, पूर्वांचल के जिस सीट से भी इस परिवार का सदस्य चुनाव लड़ा है तो उसे ब्राम्हणों ने खुलकर वोट दिया है। इनके बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़कर करीब डेढ़ लाख वोट हासिल कर चुके हैं तो छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी बलिया संसदीय सीट से चुनाव लड़कर चंद्र शेखर के पुत्र नीरज शेखर के मुकाबले करीब पौने दो लाख वोट बटोर चुके हैं।
भीष्म शंकर तिवारी पिछले बार खलीलाबाद संसदीय सीट से बसपा के टिकट पर एमपी रह भी चुके हैं तो विनय गारखपुर संसदीय सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। विनय वर्तमान में बड़हलगंज विधानसभा सीट से बसपा के एमएलए हैं।
महराजगंज संसदीय सीट से इस बार के चुनाव में हरिशंर तिवारी परिवार के ही किसी सदस्य के चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसमे सबसे पहले खलीलाबाद के पूर्व सांसद भीष्मशंकर तिवारी का नाम है। पार्टी यदि इनका चुनाव क्षेत्र बदलना चाहेगी तो वे इस सीट के प्रबल दावेदार है। उसके बाद विधान परिषद के पूर्व सदस्य गणेश शंकर पांडेय का नाम है जो इस सीट से पूर्व में चुनाव लड़ भी चुके है।
गणेश शंकर हरिशंकर तिवारी के भांजे हैं और उनके राजनीति का प्रमुख केंद्र गोरखपुर का हाता ही है। गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी का आवास हाता के ही नाम से चचित है। गणेश शंकर पांडेय हालांकि 2017 का विधानसभा चुनाव महरजगंज के पनियरा सीट से हार चुके हैं। वे चार बार स्थानीय निकाय क्षेत्र से विधानपरिषद के लिए ही चुने जाते रहे हैं।
महराजगंज संसदीय सीट पर जहां तक वोटों के अंकगणित की बात है तो इस सीट पर मुस्लिम और ब्राम्हण वोट इतने हैं कि यदि इन्हें दलितों का वोट मिल जाय तो चुनाव जीतना आसान होगा। इसके पहले के चुनाव में बसपा के मुस्लिम अथवा ब्राम्हण उम्मीदवारों के हारने के पीछे का तर्क यह है कि, उन्हें दलितों का वोट तो मिला लेकिन वे अपने सजातिय वोट को सहेेजने में नाकामयाब रहे।
बसपा के जिलाअध्यक्ष नारदराव कहते हैं कि, हम लोग लोकसभा चुनाव की तैयारी मे जुट गए हैं। पार्टी जिसे भी टिकट देगी, हम उसे जिताने के लिए जी जान एक कर देंगे। कहा कि अभी फिलहाल किसी के नाम की चर्चा नहीं है, लेकिन सभापति यानी गणेश शंकर पांडेय का नाम सामने आ रहा है।
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