scriptदोहरी नागरिकता वाले मतदाता चुनाव में बिगाड़ रहे कई नेताओं के समीकरण | dual citizenship voters change political strategy of leaders | Patrika News

दोहरी नागरिकता वाले मतदाता चुनाव में बिगाड़ रहे कई नेताओं के समीकरण

locationमहाराजगंजPublished: Nov 14, 2017 03:51:41 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

नेपाल सीमा के इन सात जिलों में ऐसे नागरिकों की संख्या करीब सवा लाख है जो बाकायदा दोनों देशों के मतदाता भी हैं और चुनाव को प्रभावित करते हैं।

election

चुनाव में ये मतदता बिगाड़ रहे खेल

यशोदा श्रीवास्तव
महराजगंज. नेपाल सीमा से लगे जिलों के चुनाव में दोहरी नागरिकता वालों का भी बड़ा महत्व होता है। नेपाल सीमा पर उप्र के सात जिले स्थिति है।

ये हैं महराजगंज,सिद्धार्थनगर,बलरामपुर बहराइच,खीरी लखीमपुर,श्रावस्ती तथा गोंडा इन जिलों में जब भी कोई चुनाव होता है तो दोहरी नागरिकता वाले मतदातओं पर उम्मीदवार सबसे पहले नजर डालता है। इन दिनों उप्र में निकाय चुनाव हो रहा है तो नेपाल में संसद तथा विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में उम्मीदवार दोनों देशों के दोहरी नागरिकता वाले मतदाताओं को साधने में लगे हुए हैं।
दोहरी नागरिकता का मतलब है कि दोनों देशों का नागरिक। नेपाल सीमा के इन सात जिलों में ऐसे नागरिकों की संख्या करीब सवा लाख है जो बाकायदा दोनों देशों के मतदाता भी हैं और चुनाव को प्रभावित करते हैं। महराजगंज जिले में नेपाल सीमा के सोनौली से लेकर ठूठी बारी कसबे में इनकी संख्या करीब दस हजार तक है।
दोनों देशों के किसी भी चुनाव में ये रोक के हर बंदोबस्त के बावजूद मतदान के अधिकार का प्रयोग करते है। महराजगंज जिले में भारत सीमा से सटे नेपाल के भैरहवा तथा नवलपरासी जिले में आम चुनाव चल रहा है। जिले को स्पर्श कर रही करीब 60 किमी सीमा पर दोनों देशों के कसबों और गांवों की संख्या करीब 35 है।
नेपाल मे चुनाव लड़ रहे लोगों के समर्थक भारतीय क्षेत्र के गांवों में दोहरी नागरिकता वालों से वोट मांग रहे हैं तो इधर नगरपंचायत के चुनाव के उम्मीदवारों के लिए नेपाल के सीमावर्ती गांवों और कसबों के दोहरी नागरिकता वालों से वेाट मांगा जा रहा है।
इसके पहले महराजगंज जिले में नेपाल सीमा का निचलौल कसबा ही टाउन ऐरिया था लेकिन इस बार नेपाल सीमा से सटे सोनौली कसबा भी टाउन एरिया हो गया और यहां भी चुनाव हो रहा है।
सोनौली नगर पंचायत के चुनाव में तो दोहरी नागरिकता वालों की निर्णायक भुमिका होगी। इस टाउन एरिया का चुनाव प्रचार तो शाम होते ही नेपाल के बेलहिया और भैरहवा में कभी भी देखा जा सकता है। कमोवेश नगर पंचयत की ऐसी ही चुनावी फिजा निचलौल टाउन एरिया की भी है।
चुनाव प्रचार का ऐसा माहौल एक तरफा नही है। नेपाल में भी चुनाव चल रहा है। वहां तो जीत हार का फेसला कुछ सौ या हजार वोटों से होता है। इतनी संख्या में तो दोहरी नागरिकता वाले लोग हैं ही कि नेपाल के प्रतिनिधिसभा या विधानसभा का चुनाव प्रभावित कर सकते हेै। नेपाल सीमा के भारतीय गांव व कसबों में नेपाली उम्मीदवारों का भी चुनाव प्रचार हो रहा है। नेपाल सीमा के बढ़नी,अलीगढ़वा, कोटिया, बजहा, सोनौली, बरगदवा, ठूठीबारी सहित नेपाल सीमा के दो दर्जन भारतीय गांव व कसबे नेपाली चुनाव के केंद्र बिंदु बने हुए है।
सीमावर्ती भारतीय जिला प्रशासन चुनाव के वक्त ऐसे वोटरों को रोकने की रणनीति बनाता तो है लेकिन यह बहुत कारगर नही हो पाता क्योंकि प्रशासनिक तैयारी के पहले ही वे भारतीय क्षेत्रों में अपने घरों या सगे संबंधियों के यहां डेरा डाल देते हंै और मतदान के दिन वोट डालकर वे शाम तक नेपाल अपने घरों को लौट जाते है।
इस बार के चुनाव में भी सीमावर्ती भारतीय जिलों के प्रशासन की यही रणनीति है। महराजजंगज के पुलिस अधीक्षक ने गुरूवार को नेपाल सीमा के थानांे की पुलिस के साथ बैठककर दोहरी नागरिकता वाले वोटरों को रोकने के उपाय पर चर्चा की। एसपी ने बताया कि पूरी कोशिश होगी कि नेपाल के ऐसे वोटर वोट के दिन इस पार न आ पाएं जो दोहरी नागरिकता धारण किए हुए हों। लेकिन ऐसे वोटरों को वोट डालने से रोकना आसान नही है।
सहायक चुनाव अधिकारी का कहना है कि मतदान बूथ पर यदि वोटर वोट डालने का अधिकारिक प्रमाण पत्र दिखाता है तो उसे वोट डालने से वंचित नही किया जा सकता है। हां यदि कोई शिकायत करता है तो उसे स्वीकार कर लिया जाएगा लकिन नियमतः कोई कार्रवाई चुनाव के बाद ही संभव है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो