इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड के रूप में जिले के एक प्रतिष्ठित कारोबारी का नाम सामने आ रहा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी की कोशिश में जुटी है, लेकिन वह फरार है। पुलिस चार लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है, हालांकि उनका कहना है कि वह उनका काम डाटा इंट्री से ज्यादा कुछ नहीं था। जांच कर रही टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि किसानों से कम कीमत पर खरीदा गया कितना धान एमएसपी पर बेचा गया है।
कोतवाली क्षेत्र के शिकारपुर में एक मकान पर पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त छापेमारी कर वहां से भारी संख्या में चेकबुक-पासबुक, एक्टिवेटेड सिमकार्ड के अलावा 19 सरकारी क्रय केन्द्रों की मुहर बरामद भी बरामद की है। इस फर्जीवाड़े में बैंक की भूमिका भी संदिध मानी जा रही है, क्योंकि पासबुक पर आगे और पीछे दोनों ओर कोड भाषा में हस्ताक्षर है। इसके अलावा मुहर मिलने से क्रय केन्द्रों के भी इसमें संलिप्त होने की आशंका है।