जानकारी के मुताबिक, एक तेंदुआ सोमवार की सुबह जंगल से भटककर किशुनपुर गांव निवासी सुबास मद्देशिया (45) के घर में घुस गया। उसके कुछ देर बाद तेंदुआ घर के पीछे केले के पास चारपाई पर सोई बेटी अंबिका (18) के पास पहुंच गया। चारपाई पर सोई अंबिका पास में अचानक तेदुएं को देख बचाने के लिए शोर मचाने लगी। तभी तेदुएं ने अंबिका पर हमला बोल दिया। वहीं बेटी अंबिका की बचाने की आवाज सुन बचाव में मौके पर पहुंचे पिता सुबास पर भी तेंदुए ने हमला बोलकर घायल कर दिया। उसके बाद तेंदुआ पास स्थित टावर के चारदीवारी के अंदर घुस छिप गया।महराजगंज में तेंदुओं की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में कई बार यह तेंदुए शिकार की तलाश में जंगल से सटे गांवो में आ जाते है। तेंदुए जंगल से सटी आबादी वाले क्षेत्र में रहते हैं। तेंदुआ पकड़े जाने पर उसे चिड़ियाघर में रखा जाता है। मगर वर्तमान में प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर चिड़ियाघर खाली नहीं है।इसलिए सरकार ने प्रोजेक्ट लेपर्ड शुरू कर रेस्क्यू सेंटर बनाने का निर्णय लिया है।
मधवलिया रेंजर विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीणों की सूचना वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची ।तेंदुए को सुरक्षित पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।