इस मामले में पुरुष महिलाओं से है पीछे
5731 नसबंदी के मामले में पुरुषों की भागीदारी मात्र 48

महराजगंज. परिवार नियोजन को लेकर जिले के लोगों में समझ बढ़ रही है खासकर महिलाओं में। देश में आबादी नियंत्रण को लेकर कानून बनने की मांग के बीच जिले के लोगों द्वारा इस योजना को स्वयं अंगीकार करना एक नजीर है। हालांकि परिवार नियोजन के मामले में पुरुषों की भागीदारी न के बराबर है। बीते दिनों मंडल स्तर पर हुई समीक्षा में जनपद को दूसरा स्थान मिला है। वहीं जिले में सिसवां ब्लाक ने प्रथम स्थान हासिल किया है।
छोटा परिवार सुखी परिवार, हम दो हमारे दो... ऐसे स्लोगन दीवारों पर कई वर्षों से देखे जाते रहे हैं। इसका मकसद परिवार को सीमित रखना है। खैर लोग इसे पढ़ते भी हैं लेकिन अमल करना या ना करना उन पर है। परिवार नियोजन को लेकर सरकार भी तमाम प्रयास कर रही है। इस योजना की सफलता के लिए शासन की ओर से नसबंदी और तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दिया जाता है।
नसबंदी की बात करें तो पुराने दौर के लोग नसबंदी के नाम पर सिहर उठते थे। मौजूदा आकड़ों पर गौर करें तो समय बदला है, जिसने लोगों की सोच बदल दी। अब परिवार नियोजन के तहत नसबंदी स्वेच्छा पर निर्भर करती है। बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष मंडल की समीक्षा में जिले को दूसरा स्थान मिला है। वहीं जिले में 771 नसबंदी होने पर सिसवां ब्लाक को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मार्च तक जिले में कुल 5731 नसबंदी हुई। इसमें 5683 महिलाएं और 48 पुरूष रहे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। स्वयं की इच्छा से नसबंदी जैसे तरीके अपनाए जा रहे हैं। वहीं जन्म दर में भी कमी आई है। एसीएमओ डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन के मामले में महराजगंज मंडल में दूसरे स्थान पर है। जिले में पहले स्थान पर सिसवां और निचलौल ब्लाक दूसरे नंबर पर है।
By- यशोदा श्रीवास्तव
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