बात यहीं खत्म नही होती। होनहार खिलाड़ियों की अनदेखी का आलम उस जिले का है जिस जिले का प्रभारी मंत्री चेतन चौहान हों जो स्वंय मशहूर क्रिकेटर के साथ सूबे के खेल मंत्री भी हैं। अब खेल मंत्री के सूबे भर में बेहतर खेल सुविधा उपलब्ध करने के दावे पर यकीन कर पाना कैसे मुमकिन है ?
बता दें कि ये खिलाड़ी छात्राएं नवोदित नही हैं। इसके पहले भी ये अपना जहर दिखा चुकी हैं। जिले के उसका बाजार ब्लाक के रेहरा स्थति पूर्व माध्यमिक स्कूल से जुड़ी छात्राएं हैं जिसे वीआईपी ग्राम बनाने का प्रयास जोर शोर से चल रहा।गौरतलब है कि इसी स्कूल की इन्हीं छात्राओं ने गत वष हुए राज्यस्तरीय वालीवाल प्रतियोगिता में गोल्डमेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया था। इनके जीते गोल्डमेडल आज भी इसी स्कूल में रखे हुए हैं। 24 सितंबर से बरेली मे होने वाली प्रतियोगिता में इस स्कूल की चार मौजूदा तथा चार पूर्व छात्राएं वतौर खिलाड़ी फिर चयनित हुई हैं। जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन प्रस्तावित है। जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपाने के लिए मुख्यमंत्री को इसी स्कूल का दर्शन कराने की जुगत में है।
अफसोस! भरोसे के साथ कह सकता हूं कि ये खिलाड़ी छात्रएं फिर गोल्डमेडल जीतकर जिले का नाम रोशन करेंगी लेकिन इन होनहार खिलाड़ी छात्राओं की परवाह न तो जिला प्रशासन को थी न ही उस गांव के प्रधान और न ही इस जिले के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान को ही थी।