महाराजगंज

भारत-नेपाल सीमा पर ट्रकों से की जा रही अवैध वसूली

वसूली में शामिल पुलिस के निजी कमीशन एजेंट, खुलेआम हो रही वसूली से प्रशासन पर उठ रही उंगली

महाराजगंजSep 09, 2018 / 07:57 pm

Ashish Shukla

भारत-नेपाल सीमा पर ट्रकों से की जा रही अवैध वसूली

यशोदा श्रीवास्तव…
महराजगंज/सिद्धार्थनगर. यूपी के महराजगंज और सिद्धार्थ नगर जिले से लगने वाली नेपाल सीमा के सोनौली और बढ़नी के रास्ते नेपाल जाने वाले दूरदराज़ के भारी वाहनों की दुश्वारियां देखते ही बनती है। यहां उन चालकों को दो तरफा शोषण का शिकार होना पड़ता है। कई कई किमी तक लगी लंबी वाहन के चालक जल्दी से जल्दी नेपाल अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहते हैं। उनके इस मनोदशा को भांप नेपाल सीमा पर दलाल भारी संख्या मे सक्रिय हैं जो उन्हें पुलिस से मिलकर उनके वाहन को कतार से आगे करवा कर नेपाल भेजवाने के नाम पर हजारों ऐंठ लेता है। इसी काम के लिए मुकामी पुलिस वाहन चालकों से सीधे पैसा वसूलती है। पिछले दिनों पत्रिका ने महराजगंज जिले के सोनौली सीमा पर वाहनों से ऐसी वसूली पर खबर प्रकाशित की थी।अब अगली कड़ी मे सिद्धार्थ नगर जिले के बढ़नी सीमा पर अवैध वसूली का हाल।
जिले के ढेबरुआ थाना क्षेत्र के बढ़नी कस्बे से गुजरने वाले ट्रकों से पुलिस द्वारा की जा रही अवैध वसूली का खेल चरम पर है। अवैध वसूली करते हुए पुलिस के एक जवान को रंगे हाथों कैमरे में कैद है।दिनदहाड़े हो रही इस लूट से ट्रक चालकों व ऑपरेटर्स में रोष व्याप्त है।
नेपाल के फैक्ट्रियों का माल लेकर बुटवल, भैरहवा, दुम्कीबास, काठमाण्डौ, लमही, दांग आदि जाने वाले मालवाहक ट्रकों का शोषण बढ़नी कस्बे में खुले आम चल रहा है। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इस कस्बे से दिनभर सैकड़ों सीमेंट बनाने के कच्चे माल फ्लाई ऐश, क्लिंकर लदे ट्रक नेपाल जाते हैं। इन ट्रकों से इंट्री व ओवर लोडिंग के नाम पर अवैध वसूली पुलिस का पुराना धंधा है। खुद किसी तरह के आरोप से बचने के लिए पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने नया फार्मूला निकाल वसूली का काम कमीशन पर निजी एजेंट रखकर उनके द्वारा करवा रही है।
वसूली में शामिल पुलिस के निजी कमीशन एजेंट
इस खेल में पुलिस के निजी कमीशन एजेंटों की मुख्य भूमिका है। पुलिस के जिम्मेदारों ने ओवरलोडिंग के बहाने ट्रकों से वसूली के लिए कमीशन पर निजी एजेंट रख रखे हैं। साहब का संरक्षण है तो उनके निजी एजेंट दिन भर सड़क से गुजरने वाले ट्रकों को रोक उनसे जबरन उगाही करते हैं। वसूली के लिए इशारा करने पर न रुकने वाले वाहनों का पीछा कर न केवल चालक को बेइज़्ज़त किया जाता है बल्कि उनके साथ मारपीट भी किया जाता है। इतने पर भी न मानने पर चालान कर गाड़ी सीज करा देने की धमकी देने में भी वह कोई गुरेज नहीं करते।
इस तरह चलता है वसूली का खेल
ट्रकों से की जा रही अवैध वसूली का खेल बहुत चालाकी से खेला जाता है। इसमें शामिल पुलिस के जवान कस्बे के बस स्टॉप तिराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के नाम पर मौजूद रहते हैं, उनमें से एक जवान वहां से गुजरने वाले ट्रकों का नंबर व संख्या नोट करता है। यहां से गुजरकर ये ट्रक जब सैक्रेड हर्ट्स पब्लिक स्कूल के पास नेपाल जाने वाले मोड़ पर पहुंचते हैं तो वहां पहले से मौजूद निजी कमीशन एजेंट प्रति ट्रक 100/₹ की वसूली करते हैं। इस तरह अवैध वसूली का ये खेल दिन भर जारी रहता है। शाम होते ही पुलिस के जवान निजी कमीशन एजेंट के पास आकर अपनी पर्ची में लिखी ट्रकों की कुल संख्या के मुताबिक हिसाब लेकर चले जाते हैं। बदले में इन निजी कमीशन एजेंटों को उनका कमीशन उसी समय दे दिया जाता है।
वर्जन
‘अगर ट्रकों से अवैध वसूली की जाती है तो वह गलत है। वायरल वीडियो की जांचकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
– डॉ. धर्मवीर सिंह
पुलिस अधीक्षक
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