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भारत-नेपाल सीमा: सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं थम रहा तस्करी का धंधा,सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती

locationअगार मालवाPublished: May 24, 2022 10:08:23 am

Submitted by:

Punit Srivastava

Indo-Nepal smuggling :भारत-नेपाल बॉर्डर की खुली सीमा पर तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। सुरक्षा में लगी एजेंसियों को चुनौती देते हुए तस्कर लगातार तस्करी कर रहे हैं। सोमवार को चावल,मटर,मुर्गा सहित अन्य सामानों की तस्करी करते हुए उपजिलाधिकारी ने कई तस्करों पर कार्रवाई की।

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महराजगंज जिले के सोनौली तथा ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र से पड़ोसी राष्ट्र नेपाल को होने वाली तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। कभी कस्टम, एसएसबी विभाग तो कभी उप जिलाधिकारी द्वारा तस्करी करते हुए नेपाली नागरिकों को पुलिस के हवाले करना पड़ रहा है। इससे साबित होता है कि इस तस्करी के पीछे ठूठीबारी तथा सोनौली कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है।
सोनौली कोतवाली क्षेत्र के खंडवा पुलिस चौकी के पास से उप जिलाधिकारी राम सजीवन मौर्या ने सोमवार के दिन हरदी डाली गांव से पगडंडी के रास्ते 52 पीस मुर्गा की तस्करी बाइक द्वारा ले जाए जा रहे नेपाल जिले की रूपंदेही गांव के मिर्जापुर निवासी रोहित को खनुआ पुलिस चौकी के हवाले कर चालान कराया।
इसी प्रकार खंडवा पुलिस चौकी क्षेत्र से एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट अभिनव कुमार तथा इंस्पेक्टर गुलाब भाई जडेजा में सोमवार के दिन छह नेपाली नागरिकों की द्वारा छह बाइक से 2 बोरा यूरिया, आठ बोरा चीनी, चार गत्ता सरसों का तेल, 9 बोरा धान का बीज, 20 किलो बासमती चावल, दो बंडल बच्चों का रेडीमेड कपड़ा, 6 पीस लोअर, 24 पीस पैंट शर्ट जींस का, एक बार एक ही सूट के साथ पकड़कर कस्टम के हवाले कर दिया।
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पाया जाता है कि सोनौली कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय बाजारों से भारी मात्रा में रेडीमेड बच्चों के कपड़े हरदी डाली गांव के बड़का टोली में इकट्ठा कर मौका पाकर भारतीय लोगों द्वारा नेपाली तस्करों को सीमा से सटे नेपाल के त्रिलोकपुर पार कराकर भारी तस्करी करा कर धन कमाया जाता है। इस संबंध में पूछे जाने पर नौतनवा पुलिस क्षेत्राधिकारी डीके उपाध्याय बताया कि तस्करों के बारे में उनको जानकारी नहीं है। अगर ऐसा होता है तो पुलिस औचक छापा मारकर कार्रवाई करेगी।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के साथ बॉर्डर पर कड़ी चौकसी का दावा करती रहती है। फिर भी बॉर्डर पर चौकसी के इस दावे को तस्कर लगातार चुनौती देकर युवाओं का फौज तैयार कर रखे हैं। सूत्र बताते हैं कि कैरियर विदेशी मटर को नेपाल से भारतीय सीमा क्षेत्र में लाते हैं। उसके बाद स्टोर कर आसपास के जिलों समेत अन्य प्रदेशों में भेजते हैं। तस्करों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र रेंगहिया, शितलापुर, मटरा, बहुआर, कनमिसवां तथा कोतवाली ठूठीबारी क्षेत्र के सड़कहवा, मरचहवा, राजाबारी, तड़हवा, लक्ष्मीपुर है।
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