पूर्व पीएम व नया शक्ति पार्टी के नेता डा बाबू राम भट्टाराई गोरखा जिले संसदीय क्षेत्र संख्या दो से आगे चल रहे हैं। माओइस्ट नेता व पूर्व पीएम प्रचंड चितवन से काफी आगे हैं। इनके स्वर्गीय पुत्र प्रकाश दहल की पत्नी बीना दहल कंचनपुर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से आगे चल रही हैं। एमाले नेता केपी शर्मा ओली आगे चल रहे हैं। पीएम व नेपाली कांग्रेस नेता शेरबहादुर देउबा भी अपनी सीट से आगे चल रहे हैं। मधेसी नेता उपेंद्र यादव सप्तरी दो से बहुत मामूली वोटों से आगे हैं।
उनके निकटतम प्रतिद्वंदी वाम गठबंधन के उमेश यादव हैं। तराई के 22 जिलों के करीब 13 सीटों पर नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार और वाम गठबंधन उम्मीदवार में कांटे की टक्कर है। अभी तक के रूझानों पर गौर करें वामगठबंधन के उम्मीदवार 24 नेपाली कांग्रेस 8 तथा माओवादी 14 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। धनुषा से गृहमंत्री व नेपाली कांग्रेस विमलें निधि सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो से पीछे चल रहे हैं। भारत में नेपाल के राजदूत रहे नेपाली कांग्रेस के दीप कुमार उपाध्याय अपने निर्वाचन क्षेत्र कपिलवस्तु हे आगे चल रहे हैं।
इधर चुनाव परिणामों के रूझान को देखते हुए नेपाल के राजनीतिक समीक्षक अपनी अपनी समीक्षा देना शुरू कर दिए हैं। समीक्षक मतगणना का रूझान देखते हुए खंडित जनादेश की आशंका जता रहे हैं। वहीं किसी भी सरकार के गठन मे मधेसी सांसदो की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। अभी कुछ माह पहले हुए स्थानीय निकाय चुनाव में नेपाली कांग्रेस और एमाले की कांटे की टक्कर जैसी स्थति नहीं दिख रही है।