पर इन सब के बीच यूपी में एक ऐसा भी थाना है जिसके इलाके में पिछले पांच साल में एक भी गंभीर अपराध नहीं हुए। पिछले पाच वर्ष की बात करें तो इस थाने में एक FIR कायम नहीं किया गया। पुलिस की मानें तो इस थाना क्षेत्र में एक भी अपराध होता ही नहीं। इसलिए यहां पर तैनात किये गये पुलिसकर्मी किसी भी सूरत में अपना तबादला ही चाहते हैं। थाने का रिकार्ड बताता है कि केवल आबकारी और एमवी एक्ट के ही कुछ मामले सामने आए। जीडी में हत्या, लूट, डकैती व फिरौती के एक भी मुकदमे नहीं लिखे गए।
जी हां हम बात कर रहें हैं महराजगंज जिले में स्थित एक पुलिस स्टेशन की। यूपी-बिहार की सीमा पर जंगल पार्टी के आंतक को खत्म करने के लिए शासन के निर्देश पर वर्ष 2003 में महराजगंज जिले के सोहगीबरवा थाने की स्थापना की गई थी। लेकिन स्थापना के बाद से ही ये थाना इलाका कभी भी बड़े वारदात के लिए चर्चा में नहीं आया। इलाके में शांति का आलम ये है कि पीस कमेटी की बैठक, पैदल गश्त, बैंक चेकिंग और गश्त जैसे पुलिस की ड्यूटी भी नहीं लगती। थाने में एक सब इंस्पेक्टर, एसएसआई व आठ कांस्टेबल की ड्यूटी है। इस वर्ष यहां एनसीआर तक नहीं दर्ज हुई। गुंडा, गैंगस्टर, इनामी और वांछित बदमाशों का कालम वर्षों से खाली हैं।
अपराध न होने के बाद भी पुलिसकर्मिीयों की तैनाती को लेकर पूछे गये सवालों के बाबद पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह कहते हैं कि भोगोलिक दृष्टि से ये थाना काफी संवेदनशील है इस कारण यहां सिपाहियों की तैनाती भारी संख्या में की गई है। ये तो अच्छी बात है कि अपराध न हो हमारा समाज बेहतर हो सके।