बता दें कि बस्ती जिले से अलग कर नेपाल के इस ओर के हिस्से को सिद्धार्थ नगर नाम से अलग जिला बना दिया गया और नौगढ़ तहसील मुख्यालय को जिला मुख्यालय वना दिया गया। लेकिन इस जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन का नाम नौगढ़ ही रहने दिया गया. बार एशोसिएसन के अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि स्टेशन के नाम को लेकर दूर दराज से स्थानांतरित होकर आने वाले कर्मचारियों /अधिकारियों को दिक्कत होती है जब वे दिल्ली मुंबई पंजाब या गुजरात के स्टेशनों पर सिद्धार्थ नगर का टिकट मांगते हैं. इन्हें दो टूक कहा जाता है कि इस नाम के स्टेशन को वे नही जानते। रेलवे के नक्शे में यह नहीं है। सोचिए यह सुनकर सिद्धार्थ नगर आने वाले लोगों पर क्या गुजरती होगी. अब इसमें रेल कर्मियों का क्या दोष?
सच है भी अब जब शहरों स्टेशनों का नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है तो नौगढ़ का स्टेशन का नाम क्यों बदलने में खास दिक्कत नही होनी चाहिए। बार एशोसिएसन के अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह ने नौगढ़ स्टेशन का नाम बदलने के साथ कुछ और मांगो की सूची जीएम को सौंपी है. जिसमें सिद्धार्थ नगर से सीधे परयागराज के लिए रेल सुविधा, जिला मुख्यालय पर समय से ट्रेनों के संचलन की व्यवस्था दुरुस्त करने सहित अन्य कई समस्याओं की ओर जीएम का ध्यान आकृष्ट किया है। जीएम से मिलने गए बार एशोसिएसन के अध्यक्ष के साथ एडवोकेट कन्हैया पांडेय व अन्य वकील भी थे।
सच है भी अब जब शहरों स्टेशनों का नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है तो नौगढ़ का स्टेशन का नाम क्यों बदलने में खास दिक्कत नही होनी चाहिए। बार एशोसिएसन के अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह ने नौगढ़ स्टेशन का नाम बदलने के साथ कुछ और मांगो की सूची जीएम को सौंपी है. जिसमें सिद्धार्थ नगर से सीधे परयागराज के लिए रेल सुविधा, जिला मुख्यालय पर समय से ट्रेनों के संचलन की व्यवस्था दुरुस्त करने सहित अन्य कई समस्याओं की ओर जीएम का ध्यान आकृष्ट किया है। जीएम से मिलने गए बार एशोसिएसन के अध्यक्ष के साथ एडवोकेट कन्हैया पांडेय व अन्य वकील भी थे।