पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत झामट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनुसुचित जनजाति के सीट पर गांव के कहार जाति के एक व्यक्ति ने धुरिया जाति (गोड़) का प्रमाण पत्र लगा कर प्रधानी के सीट पर कब्जा कर लिया था । निर्वाचन के समय गांव के दो व्यक्तियों ने अपत्ति जताई लेकिन आरओ ने धुरिया जाति प्रमाण पत्र को सही ठहराया था आपत्ति खारिज कर दी थी ।
आपत्ति कर्ता ने निर्वाचन समाप्त होने के बाद जिले के स्कूटनी कमेटी में जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए शिकायती पत्र दिया । जिस पर स्कूटनी कमेटी ने धुरिया जाति (गोड़)का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया । विकास खंड फरेंदा का ग्राम पंचायत झामट का प्रधान पद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनुसुचित जनजाति के लिए सुरक्षित हो गया था ।झामट में कहार जाति (पिछड़ी वर्ग) के लोगों की बाहुल्यता है।
गांव के रहने वाले मुराली पुत्र नजरू ने फरेंदा तहसील से धुरिया जनजाति का प्रमाण पत्र संख्या578085000021जारी करवाकर ग्राम प्रधान पद के लिए पर्चा दाखिल कर दिया था । जिस पर गांव के मुस्तफा पुत्र निजामुद्दीन ने पर्चा जांच के समय सक्षम अधिकारी के पटल पर आपत्ति दर्ज कराई लेकिन आरओ ने धुरिया गोड़ जनजाति के प्रमाण पत्र को बहाल करते हुए लगाए गए आपत्ति को खारिज कर दिया । मुराली ग्राम पंचायत झामट का प्रधान चुन लिया गया।
आपत्ति कर्त्ता मुस्तफा पुत्र निजामुद्दीन ने स्कूटनी कमेटी महराजगंज में शिकायती पत्र 19 दिसबंर 2015 को शिकायती पत्र दिया जिस पर स्कूटनी कमेटी ने 1 जून 2017 से जांच करना शुरू की । कमेटी में सचिव जिला समाज कल्याण अधिकारी महराजगंज ,सदस्य जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति उपजिलाधिकारी फरेंदा, सदस्य अपरजिलाधिकारी महराजगंज , अध्यक्ष जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति जिलाधिकारी महराजगंज , के समक्ष मुराली पुत्र नजरू द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्र से मुरली के अनसुचित जाति का होने की पुष्टी नही हुई ।
वहीं आपत्ति कर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज साक्ष्य इंतखाप खतौनी 1359 फसली में मुरली पुत्र नजरू के परिवार का नाम कहार अंकित है । इसके अलावा उपजिलाधिकारी फरेंदा द्वारा अपने पत्र सख्या1112/एसटी2017 दिनाक 9 मई 2017के जांच के पश्चात पाया गया की फरेंदा तहसील में धुरियाजाति गोड़ के लोग नही पाए जाते हैं ।
इस संबध में उपजिलाधिकारी फरेंदा आरबी सिंह का कहना है की गलत प्रमाण पत्र जारी हो गया था । फरेंदा तहसील में इस जाति के लोग नही है । जिसके आधार पर स्कूटनी कमेटी ने जांच कर मुराली कहार का प्रमाण पत्र निरस्त किया है ।