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लोकसभा चुनाव से पहले सपा में बड़ी बगावत, इस नेता को हटाने की मांग, विरोध में उतरे दर्जनों सपाई

locationआजमगढ़Published: Oct 25, 2018 06:40:05 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

शिवपाल के नए राजनीतिक पार्टी का नाम सामने आते ही पुराने सपाई बगावत के मूड में

akhilesh yadav

अखिलेश यादव

महाराजगंज. समाजवादी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक यादव के वर्तमान जिला इकाई पर आरोप लगाते ही पार्टी में बगावत तेज हो गई है। गुरुवार को पूर्व जिलाध्यक्ष भाई रामलाल यादव के साथ लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव बिंदरेश कन्नौजिया के अलावा राहुल मिश्रा, राम ललित मौर्या, कैलाश यादव, लल्ला यादव, डॉ. ए फारुकी, रमेश सैनी समेत दो दर्जन पुराने सपाइयों ने जिला अध्यक्ष के खिलाफ खुला बगावत कर जिलाध्यक्ष राजेश यादव को हटाने की आवाज़ बुलंद कर दी।
पार्टी में इस तरह की बगावत से नाउम्मीद संगठन के पदाधिकारियों में हलचल पैदा हो गई है। इसी के साथ इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यदि नाराज वरिष्ठ सपाइयों की शिकायत पर गौर नहीं किया तो यह बगावत पार्टी में फूट की बड़ी वजह बन सकती है।
बता दें कि सपा के जिलाध्यक्ष राजेश यादव पर पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक यादव ने जिले के निष्ठावान व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए वर्तमान सपा के जिला कार्यकारिणी को ही चुनौती दी है। उन्होंने जिलाध्यक्ष के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिकायत की है, यह खबर आते ही जिले के दो दर्जन से अधिक सपाई मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ खुलकर सामने आ गए और मोर्चा खोल दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराजगंज में सपा में तेजी से शुरू बगावत पर शिवपाल के नवोदित पार्टी की नजर गड़ी हुई है। जानकारों का कहना है कि शिवपाल के नए राजनीतिक पार्टी का नाम सामने आते ही पुराने सपाइयों में बगावत के पीछे कुछ तो है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश यादव ने हाल ही संगठन का पुर्नगठन किया है। इसमें निष्ठावान व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं मिली है।
आरोप है कि समाजवादी विचारधारा से कभी भी ताल्लुक न रखने वालों को संगठन में जगह दी गई है। पूर्व उपाध्यक्ष अशोक यादव ने कहा है कि जिलाध्यक्ष ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर अपने गांव व आसपास के ऐसे लोगों को संगठन में जगह दी है, जिनका सपा से कभी संबंध नहीं रहा है। उनकी खासियत सिर्फ यह है कि वे जिलाध्यक्ष के हां में हां मिलाने वाले लोग हैं।
जिलाध्यक्ष के इस मनमानेपन के खिलाफ वरिष्ठ सपा नेता ने सबसे पहले आवाज बुलंद की, उसके बाद तो एक एक करके दो दर्जन से अधिक सपाइयों ने सपा अध्यक्ष के खिलाफ आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी।
BY- YASHODA SRIVASTAVA

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