जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के ओबरी निवासी मंहगू भारती (60) शुक्रवार की रात 8 बजे भोजन कर अपने घर से उत्तर पश्चिम की तरफ जंगल के किनारे अपने खेत की रखवाली करने गए थे। खेत मे मचान बना हुआ था। मंहगू रात को उसी मचान पर सोते व अपने खेत की रखवाली करते थे। शंका जाहिर की जा रही है कि रात मे वे लघुशंका आदि के लिए मचान से नीचे उतरे होंगे कि उसी दौरान बाघ ने उन्हें दबोच लिया व घसीटते हुए 300 मीटर दूर जंगल के अंदर कुशुमहवा कोठी के पास एक झाड़ी में ले गया। शनिवार को देर तक जब मंहगू अपने घर वापस नही आये तो परिजनों की बेचैनी बढ़ गयी।
फिर परिजनों ने उनकी तलाश के लिए जंगल की तरफ गए। काफी खोजबीन करने के पास कुशमहवा कोठी के पास उनका शव झाड़ी में मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाघ सीधे उनके गले के निचले हिस्से पर वार किया था जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी होगी। इस इलाके मे जंगल से निकलकर बाघ के आने की सूचना जंगल विभाग को दी जा चुकी थी।सोहगीबरवा वन्य जीव विहार मे आठ बाघों के होने की खबर है।ये बाघ रात को शिकार की तलाश मे जंगल के बाहर तक आते रहते हैं।
मंहगू भारती के तीन बेटे व दो बेटियां है। मंहगू भारती ने अपने बच्चों की शादी विवाह कर दिया था।
सहम गए जंगल के किनारे खेत वाले किसान मंहगू भारती की मौत से परिवार के साथ पूरे गांव के के लोग गमगीन है । साथ ही जंगल के किनारे खेत वाले किसान सहम गए हैं।पत्नी ज्ञानती का रो रो कर बुरा हाल है । उन्होंने रोते हुए बताया कि अगर मुझे थोड़ा सा भी बाघ के आने की बात मालूम होती तो मैं उनको खेत की रखवाली के लिए नही भेजती। बाघ के हमले से मंहगू की मौत क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जंगल के किनारे जिन लोगों का खेत है उन लोगों का कहना है कि अब जान हथेली पर रख अपने खेतों की रखवाली करना सम्भव नही है। वन विभाग समय रहते नही ध्यान दिया तो जंगल के किनारे खेती बाड़ी करना सम्भव नही है।