घटना कुछ दिन पहले की है। पनियारा थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा को चार मनबढ़ रास्ते से उठा ले गए और कुछ दूर ले जाकर खेत में उसके साथ गैंगरेप किया। लड़की की हालत खराब हो गई तो दरिंदे उसे छोड़कर भाग गए। लड़की किसी तरह घर पहुंची और घरवालों को पूरा वाकया सुनाया। घटना सुनकर हतप्रभ परिजनों ने 100 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। पीड़िता के घर पहुंची पुलिस सारा वाकया सुनकर यह कहकर वापस चली गई कि उनके पास महिला पुलिस नहीं है लिहाजा वे लड़की को लेकर थाने आएं।
दूसरे दिन पीड़ित लड़की को परिजन थाने लेकर गए। परिजनो का आरोप है कि पुलिस तीन दिन तक उन्हें घूमाती रही। इस दुरान चारों आरोपियों को गिरफ्तार भी की लेकिन इनमें से एक को छोड़ बाकी तीन को छोड़ दिया गया, पुलिस ने जिसे पकड़े रखा गया उसका भी चालान छेड़खानी में किया गया। लड़की के पिता का आरोप है कि उसके निरक्षर होने के नाते पुलिस ने अपनी मर्जी की तहरीर पर दस्तखत करवाया।
पनियरा पुलिस के इस कारनामे से क्षुब्ध लड़की के परिवार वाले शनिवार को उसे लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे, जहां लड़की ने पूरी आप बीती सुनाई। एसपी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
वहीं पनियरा के एसओ ओपी चौहान ने कहा है कि मामला रेप का नहीं सिर्फ छेड़खानी का है।इसमे दोषी पाए गए एक युवक को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने लड़की का मेडिकल परीक्षण क्यों नही कराया इसका पुलिस के पास कोई जवाब नही था।