नेपाल के सीमावर्ती कस्बा कृष्णनगर में तीन दिन बाद पुलिस बल दोपहर में मूर्तियों को जबर्दस्ती विसर्जन हेतु ले जाने का प्रयास करने पर दूसरी बार माहौल और बिगड़ा था। आस-पास के घरों से भारी संख्या में महिलाओं ने निकल कर पुलिस की कार्रवाई का जबरदस्त विरोध करते हुए उन्हें खदेड़ दिया था। बड़ी मुश्किल से पुलिस को मूर्तियों के विसर्जन में कामयाबी मिली थी। पुलिस को आत्मरक्षा में आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे और हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी. पूजा समितियों के नाराजगी का शिकार स्थानीय सांसद और विधायक तक को होना पड़ा था।
पड़ोसी व सीमावर्ती कस्बा कृष्णानगर में बीते शुक्रवार की रात करीब साढ़े 8 बजे विसर्जन के लिए ले जायी जा रही दुर्गा मूर्तियों के काफिले पर कतिपय शरारती तत्वों द्वारा पथराव किये जाने व उनकी गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित पूजा समिति के लोगों द्वारा विसर्जन रोक दिया गया था। पूजा समिति के लोगों द्वारा कस्बे में मूर्ति रोक कर उसी समय से धरना दिए जाने का क्रम जारी था। शनिवार शाम नेपाल प्रहरी के प्रभारी एसपी, सांसद, मेयर आदि के प्रयास से पूजा समिति के लोगों को मनाकर विसर्जन कराने का प्रयास किया गया, किन्तु इसी बीच फिर से कुछ लोगों द्वारा पथराव कर 3 युवकों को घायल कर दिए जाने से मामला बनते बनते बिगड़ गया था। रविवार दोपहर को नवागत एसपी (कपिलवस्तु) द्वारा अचानक जबरदस्ती मूर्तियों को विसर्जन हेतु ले जाया जाने लगा। पुलिसिया बल प्रयोग के उक्त निर्णय को देख लोगो मे आक्रोश भड़क उठा था। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी विरोध में लाठी डंडा लेकर पुलिस बल पर टूट पड़ी। युवाओ ने भी पुलिस कार्रवाई का जोरदार प्रतिकार किया तो मामला उल्टा पड़ते देख पुलिस ने बचाव के लिए टीयर गैस के गोले दागे तथा हवाई फायरिंग की। गुस्साए लोगों ने कतिपय जनप्रतिनिधियों पर गुस्सा उतारा।
नेपाल जिला प्रशासन ने स्थिति की नजाकत को देखते हुए कतिपय क्षेत्रो में रविवार शाम 5 बजे से कर्फ्यू की घोषणा की गई जो सोमवार तक जारी रहा, इस बीच बॉर्डर पर एसएसबी अलर्ट रही और आवागमन नियंत्रित रहा।