महाराजगंज

नेपाल चुनाव में हिंसा का खौफ, बॉर्डर के रास्ते कई अपराधी घुसे

उन्होंने कहा कि चुनाव विरोधी मुट्ठी भर तत्वों द्वारा ऐसा कराया जा रहा है।

महाराजगंजNov 19, 2017 / 02:43 pm

Akhilesh Tripathi

नेपाल चुनाव

यशोदा श्रीवास्तव
महाराजगंज. नेपाल में चल रहे आम चुनाव में विघ्न डालने का प्रयास शुरू हो गया है। प्रचार के दौरान राष्ट्रीय दलों के नामचीन नेताओं पर हमले किए जा रहे हैं। नेपाल पुलिस के एक अफसर ने बताया कि ये हमले भारत से आए भाड़े के अपराधियों द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि चुनाव विरोधी मुट्ठी भर तत्वों द्वारा ऐसा कराया जा रहा है।

दूसरी ओर शनिवार को गोरखा जिले में प्रचार कर लौटते समय कांग्रेस के बड़े नेता रामचंद्र पौडेल पर हमले की घटना के बाद नेपाल पुलिस सर्तक हो गई है।इस हमले में पौडेल बाल बाल बच गए लेकिन उनके दर्जन भर कार्यकर्ता जख्मी हो गए जिनका गोरखा के विभिन्न अस्पतालों में प्राथमिक उपचार कराया गया। गोरखा जिले में नेपाली कांग्रेस और पूर्व पीएम डॉ. बाबूराम भट्टाराई की नया शक्ति पार्टी का गठबंधन है। यहां कुल दो संसदीय सीटो में एक पर स्वयं भट्टाराई लड़ रहे हैं तो दूसरे पर नेपाली कांग्रेस का उम्मीदवार मैदान में।गोरखा में पौडेल पर हुए हमले को लेकर चुनाव के बीच अब तक करीब एक दर्जन हमले हो चुके हैं जिसमें बड़े नेताओं को निशाना बनाया गया।हिंसक घटनाओ के बाद पुलिसिया कार्रवाई में अबतक 175 लोगों को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें कई भारतीय भी बताए जा रहे हैं।

दूसरी ओर इन घटनाओं के पीछे नेपाल में चुनाव विरोधी कुछ संदिग्ध पार्टियों का हाथ माना जा रहा है।ऐसी पार्टियों के अपराधी प्रवृत्त के नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार में आ रहे विभिन्न दलों के बड़े नेताओं को टारगेट कर टाईम बम, कुकर बम सहित अन्य प्रकार के विस्फोटकों से प्रहार किया जा रहा है। अबतक श्रृंखलाबद्ध हुए बम विस्फोट से भोजपुर में 10 कार्यकर्ता, रौहतक में 8, चितवन में पुलिस इंस्पेक्टर सहित दो जवान, नुवाकोट में केन्द्रीय नेता रामशरण महतो को लक्षित कर किए गए विस्फोट में 11 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। वहीं गोरखा में रामचंद्र पौडेल,रोल्पा में कृष्ण बहादुर महरा, वर्षमान पुन, ओनसरी घार्ती पर विस्फोट कर निशाना साधा गया जिसमें ये लोग बाल बाल बच गए।ऐसी बारदातों में शामिल होने के संदेह में नेपाल पुलिस ने करीब 175 संदिग्धों को गिरफ़्तार किया है जिसमे 35 किसी पार्टी के नेता बताए जा रहे हैं।
नेपाल चुनाव आयोग व सरकार जहां एक तरफ घोषित चुनाव को हर हाल में तय समय पर कराने के लिए दृढ़संकल्पित है, वहीं कुछ संदिग्ध पार्टियां चुनाव में बाधा डालने की नियत से बम विस्फोट कर आमलोगों में दहशत पैदा करने का कुचक्र रच रहे हैं। कतिपय राजनीतिक दलों के इशारे पर अपराधी तत्वों की मंशा भापकर सरकार ने इस चुनाव को कड़ी सुरक्षा के बीच त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में कराने फैसला किया है।
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