ये है मामला
मामला शुक्रवार सुबह का है। करीब पांच साल से गांव इकहरा में आवासीय मदरसे का संचालन किया जा रहा है। लेकिन शुक्रवार सुबह वहां पढ़ने वाले तीन बच्चे मौका पाकर भाग निकले और निबहरा पहुंच गए और ग्रामीणों को पूरी बात बताई। ग्रामीण उन्हें लेकर थाने पहुंचे। दोपहर में पुलिस ने मदरसा संचालक को और तीनों बच्चों के माता पिता को मदरसे से भागने की सूचना दी। मदरसा संचालक और बच्चों के माता पिता मौके पर पहुंच गए।
थाने में छात्रों ने बताया कि मदरसे में उन्हें ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता। उनके साथ मारपीट की जाती है। शिक्षक आलिम उन्हें चाकू से गला काट देने की धमकी देते हैं। इस डर से वे लोग मदरसे से भाग कर आए हैं। पुलिस ने बच्चों की बात को दरकिनार कर दिया और मामले के निपटारे में जुट गई। इसके बाद बच्चों को उनके माता पिता के सुपुर्द कर दिया। गांव के स्थानीय लोगों को भी पुलिस का ये रवैया ठीक नहीं लगा। उनका कहना था कि पुलिस को बच्चों के आरोपों की जांच तो करनी चाहिए थी। हालांकि इस मामले में अशोक कुमार, प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि बच्चों को पाठ याद करने के लिए कहा गया था, काम न करने पर डांट लगी तो बच्चे मदरसे से भाग कर गांव निबहरा आ गए। फिलहाल उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है।