तमाम सवालों के जवाब नहीं खोज पायी पुलिस
बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण फांसी की वजह से दम घुटना बताया गया है। इस कारण से पुलिस लगातार इस मामले को सुसाइड बताने की कोशिश में जुटी हुई है। जबकि ये जरूरी नहीं है कि फांसी लड़की ने खुद ही लगाई हो, हो सकता है कि उसे फांसी पर लटकाया गया हो। वहीं छात्रा के शरीर पर चोट के निशान से अनहोनी का अंदेशा और मजबूत हो जाता है। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर छात्रा के परिजन भी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। परिजनों का कहना है कि आत्महत्या के मामलों में फंदे का निशान कभी भी पीछे की तरफ नहीं आता है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन पर चारों और निशान होने का जिक्र किया गया है। वहीं इस तरह के मामले में कंठिका पर फ्रेक्चर होता है, लेकिन छात्रा की कंठिका पर फ्रेक्चर नहीं है।
बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण फांसी की वजह से दम घुटना बताया गया है। इस कारण से पुलिस लगातार इस मामले को सुसाइड बताने की कोशिश में जुटी हुई है। जबकि ये जरूरी नहीं है कि फांसी लड़की ने खुद ही लगाई हो, हो सकता है कि उसे फांसी पर लटकाया गया हो। वहीं छात्रा के शरीर पर चोट के निशान से अनहोनी का अंदेशा और मजबूत हो जाता है। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर छात्रा के परिजन भी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। परिजनों का कहना है कि आत्महत्या के मामलों में फंदे का निशान कभी भी पीछे की तरफ नहीं आता है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन पर चारों और निशान होने का जिक्र किया गया है। वहीं इस तरह के मामले में कंठिका पर फ्रेक्चर होता है, लेकिन छात्रा की कंठिका पर फ्रेक्चर नहीं है।
अब तक जांच के नाम पर दर्ज हुए छात्रों के बयान
इसके अलावा छात्रा की हथेली पर लिखा मोबाइल नंबर, जिसके दो नंबर मिटे हुए मिले थे, वो अब तक राज बना हुआ है। आरोप है कि इस सब के बावजूद पुलिस इस मामले में जांच के नाम पर औपचारिकता मात्र कर रही है। पुलिस ने अब तक जांच के नाम पर विद्यालय पहुंचकर सिर्फ कुछ छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। छात्रों का कहना है कि पुलिसकर्मी बार-बार एक ही प्रकार का सवाल कर रहे हैं। बार बार पूछताछ से छात्र भी आक्रोशित हैं। हालांकि विद्यालय के उपप्रधानाचार्य एसके त्रिपाठी व प्रवक्ता एसके शर्मा ने छात्रों को जांच में पुलिस का सहयोग करने की सलाह दी है।
इसके अलावा छात्रा की हथेली पर लिखा मोबाइल नंबर, जिसके दो नंबर मिटे हुए मिले थे, वो अब तक राज बना हुआ है। आरोप है कि इस सब के बावजूद पुलिस इस मामले में जांच के नाम पर औपचारिकता मात्र कर रही है। पुलिस ने अब तक जांच के नाम पर विद्यालय पहुंचकर सिर्फ कुछ छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। छात्रों का कहना है कि पुलिसकर्मी बार-बार एक ही प्रकार का सवाल कर रहे हैं। बार बार पूछताछ से छात्र भी आक्रोशित हैं। हालांकि विद्यालय के उपप्रधानाचार्य एसके त्रिपाठी व प्रवक्ता एसके शर्मा ने छात्रों को जांच में पुलिस का सहयोग करने की सलाह दी है।