दरअसल अमर सिंह आजम के जौहर विश्व विद्यालय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जौहर विश्व विद्यालय से पहले दो विश्व विद्यालय बने, पहला काशी हिंदू विश्वविद्यालय बना। यह महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनाया लेकिन बनाने के बाद मदन मोहन मालवीय के परिवार के किसी भी व्यक्ति ने इस पर अधिकार नहीं जमाया। ठीक इसी तरह अलीगढ़ में सर सैयद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय बनाया। इसका नाम है मुस्लिम विश्व विद्यालय लेकिन वहां हिंदू भी पढ़ते हैं। सर सैयद और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय दोनों बड़े व्यक्ति हैं, दोनों के परिवार से इन विश्व विद्यालय पर अपना अधिकार नहीं जताया। अमर सिंह ने कहा कि अलीगढ़ विश्व विद्यालय का तराना है ‘ मेरा चमन यह मेरा चमन, हम अपने चमन के बुलबुले और जौहर यूनिवर्सिटी का तराना है मेरे खानदान का चमन, मेरा चमन, मेरे बिटवा का चमन मेरे उस समधी का चमन जो अपनी बहू को भी नहीं छोड़ता है। उसका भी यौन शोषण करता है औऱ बहू अपने ससुर जी पर आरोप लगाती है, हमारा अपना ये भी चमन’। अमर सिंह का आजम पर अब तक का यब सबसे बड़ा हमला है। जौहर विश्व विद्यालय के सहारे आजम का बिना नाम लिए उनके समधी पर अपनी बहू का यौन शोषण करमे का आऱोप लगाया है।
‘बुआ और बबुआ आ गये तो उनकी लाठी होगी और आपका सिर’ साथ ही अमर सिंह ने एससी एसटी एक्ट के संशोधन को लगत बाताया। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी कर दी तो इसमें परिवर्तन की कोई ज़रूरत नहीं थी। इस गलती को मैं खुलेआम बड़ी मज़बूती के साथ स्वीकार कर रहा हूं लेकिन यहां मैं ये भी बताना चाह रहा हूं कि योगी -मोदी राज में इसका दुरुपयोग नहीं हो रहा है। अगर बुआ और बबुआ आ गये तो तड़ तड़ करके सिर पे इसकी लाठी बजेंगी। सवर्णों को इस पर नाराज़ होने का हक तो है लेकिन अगर नराज होने से बुआ और बबुआ आ गये तो उनकी लाठी होगी और आपका सिर।
जबसे सृष्टि बनी तब से है #MeToo साथ ही मीटू पर कहा कि यह तो पौराणिक काल से चला आ रहा है। इसका पैहला शिकार विश्वामित्र बने थे। इन्द्र को जब उनकी तपस्या से तकलीफ हुई तब उन्होंने मेनका भेजी थी, उसके बाद शकुन्तला पैदा हुई उसने इसका शिकार दुष्यन्त को बनाया। अमर सिंह के मुताबिक मीटू तो जबसे सृष्टि बनी तब से चल रहा है