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ये है पहला मामलापहला मामला भोगांव क्षेत्र के गांव नगला भगत का है। यहां के रहने वाले विशंभर दयाल की पत्नी शालिनी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। इस दौरान गांव की आशा संतोष कुमारी ने मोबाइल से कई बार 102 एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की। लेकिन बार बार फोन के बावजूद एंबुलेंस समय से नहीं पहुंची। इस दौरान शालिनी ने सड़क पर ही शिशु को जन्म दे दिया। लेकिन समय से उपचार न मिलने के कारण नवजात की स्थानीय चिकित्सालय में मौत हो गई।
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ये है दूसरा मामला
वहीं दूसरा मामला ग्राम नगला गिरधारी का है। यहां रहने वाली मनीषा को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोगों ने 102 एंबुलेंस बुलाने के लिए कई बार फोन किए। लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। महिला व उसके शिशु की जान बचाने के लिए परिजनों व वहां मौजूद आशा आंकाक्षा ने प्रसूता को ई—रिक्शा में बैठा लिया और अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन रास्ते में ही प्रसूता ने बच्ची को जन्म दे दिया। बाद में जच्चा व बच्चा दोनें को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोगांव में भर्ती कराया गया।