ये है मामला
रोडवेज बस चालक सत्यदेव यादव के मुताबिक कि उसका रूट मैनपुरी से दिल्ली का कर दिया था। उसने एआरएम से रिक्वेस्ट करते हुए खुद के छोटे बच्चे होने का हवाला दिया और रूट परिवर्तन करने के लिए कहा। इस पर एआरएम ने कहा ठीक है, काम हो जाएगा, लेकिन कुछ खर्चा करना पड़ेगा। एआरएम ने इसके लिए 10 हजार रुपये मांगे। बाद में बात छह हजार पर बात तय हुई। ड्राइवर के मुताबिक उसने छह हजार रुपए में बात तय कर आगरा में एंटी करप्शन टीम से मुलाकात की। उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने आज एआरएम को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
रोडवेज बस चालक सत्यदेव यादव के मुताबिक कि उसका रूट मैनपुरी से दिल्ली का कर दिया था। उसने एआरएम से रिक्वेस्ट करते हुए खुद के छोटे बच्चे होने का हवाला दिया और रूट परिवर्तन करने के लिए कहा। इस पर एआरएम ने कहा ठीक है, काम हो जाएगा, लेकिन कुछ खर्चा करना पड़ेगा। एआरएम ने इसके लिए 10 हजार रुपये मांगे। बाद में बात छह हजार पर बात तय हुई। ड्राइवर के मुताबिक उसने छह हजार रुपए में बात तय कर आगरा में एंटी करप्शन टीम से मुलाकात की। उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने आज एआरएम को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आगरा के इंस्पेटर आरबी सिंह ने बताया कि बस चालक की शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने एआरएम हरिदास को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। गुरुवार को एआरआम ने बस चालक को अपने आवास पर बुलाया। जैसे ही उन्होंने नोट गिनने शुरू किए, तभी उन्हें पकड़ लिया गया। नोटों पर स्याही लगाई गई थी, जिसके निशान हरिदास की अंगुलियों पर आ गए।