10 दिसंबर को दिल्ली के मयूर विहार थाने की पुलिस गांव पहुंची तो युवती की हत्या कर शव खेत में गाड़ने की जानकारी मिली। दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ खेत में खोदाई कराई, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ था। शुक्रवार को खोदाई के दौरान शव खेत के बीच से बरामद हुआ। इस दौरान पुलिस ने युवती के घर पहुंचकर तलाशी ली। वहां खून के धब्बे लगी शर्ट बरामद हुई। खोदाई से पहले दिल्ली पुलिस के एसआई मनोज कुमार तोमर ने चांदनी की मां सुखरानी से पूछताछ की।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि अपहरण के मामले को हत्या की धाराओं में तरमीम कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। खोदाई के दौरान पुलिस के साथ एसडीएम रामसकल मौर्य मौजूद रहे। चांदनी की हत्या गोली मारकर की गई थी। पुलिस की जांच में सामने आया है कि मां सुखरानी के उकसाने पर भाई सुधीर और सुशील ने चांदनी की पिस्टल से गोली मारकर हत्या की थी। मौसी के लड़के जयवीर ने शव को दफनाने में सहयोग किया था। शव गाड़ने से पहले वहां नमक भी डाला गया। प्रेम विवाह करने से चांदनी के परिजन नाराज थे। चांदनी से बात करते हुए उन्होंने नाराजी खत्म होने की बात कहते हुए सुनील को उसे लाने के लिए भेजा था। 17 नवंबर को वह कश्यपनगर आई, उसी रात को सुधीर और सुशील ने हत्या कर दी थी। सुनील ने इसका विरोध भी किया तो उसे धमका कर दिल्ली भगा दिया था।
दो पर अपहरण का मुकदमा दर्ज
प्रतापगढ़ जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के गांव टोडरपुर निवासी अर्जुन जाटव दिल्ली के त्रिलोकपुरी में रहकर एक फैक्टरी में काम करता है। इसी मोहल्ले में बुआ के घर रह रही चांदनी से युवक की जान पहचान हो गई। दोनों के बीच आठ साल से प्रेम संबंध थे। 12 जून 2020 को अर्जुन और चांदनी ने प्रतापगढ़ जाकर घरवालों की मर्जी के खिलाफ मंदिर में शादी कर ली। इसके बाद दोनों दिल्ली में आकर रहने लगे। 17 नवंबर को चांदनी भाई के बुलाने पर गांव घूमने के लिए आई थी। इसके बाद से वह लापता थी। चांदनी के न मिलने पर अर्जुन ने मयूर विहार थाने में चांदनी के भाई सुधीर व सुनील पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।