scriptशादी के लिए प्रेमी-प्रेमिका ने रचा ऐसा ‘चक्रव्यूह’ कि घर वाले दहाड़े मारकर रह गए | real Love story and marriage in mainpuri latest news | Patrika News

शादी के लिए प्रेमी-प्रेमिका ने रचा ऐसा ‘चक्रव्यूह’ कि घर वाले दहाड़े मारकर रह गए

locationमैनपुरीPublished: Jul 03, 2019 10:26:54 am

Submitted by:

suchita mishra

बारात आ गई। जयमाला भी हो गई। इसी बीच दूल्हे की जाति के बारे में सबको पता चल गया कि वह ब्राह्मण नहीं, लोधी राजपूत है।

love marriage

love marriage

मैनपुरी। यह कहानी है एक प्रेमी-प्रेमिका की। दोनों ने शादी करने के लिए ऐसा चक्रव्यूह रचा कि घर वाले देखते रह गए। दहाड़े मारकर रोते रह गए। पुलिस वाले भी कुछ न कर सके। दोनों परिवारों की सहमति से शादी तय हो गई। बारात आ गई। जयमाला भी हो गई। इसी बीच दूल्हे की जाति के बारे में सबको पता चल गया कि वह ब्राह्मण है नहीं, लोधी राजपूत है। दुल्हन ब्राह्मण है। जातियां अलग हैं तो बवाल तो होना ही था। हंगामा हुआ। मारपीट हो गई। अंततः जीत प्रेम की हुई। दुल्हन अपने प्रेमी दूल्हा के साथ विदा हो गई।
जयमाला के बाद खुली पोल
भोगांव के जीवनपुर गांव निवासी पंकज राजपूत की शादी जिला कन्नौज के गांव अकबरपुर सराय निवासी दीक्षा दुबे से तय हुई। चांदेश्वर मंदिर के समीप एक मैरिज होम में विवाह समारोह हुआ। जयमाला के बाद फोटोग्राफी का दौर चल रहा था। इस बीच किसी ने दुल्हन के भाई को बताया कि दूल्हा ब्राह्मण नहीं बल्कि लोधी राजपूत है। यह बात किसी को हजम नहीं हुई। परिजनों ने पता किया तो बात सही निकली। दुल्हन पक्ष ने हंगामा कर दिया कि शादी नहीं होगी। हमें धोखा दिया गया है। दुल्हा पक्ष साथ में बाहुबलियों को लेकर आय़ा था। उन्होंने दुल्हन पक्ष के उन लोगों के साथ मारपीट कर दी, जो हंगामा कर रहे थे। ऐलान किया कि शादी होगी और दुल्हन लेकर जाएंगे।
नहीं मानी दुल्हन
मामला बढ़ा तो पुलिस आ गई। दोनों पक्षों को थाने लाया गया। दुल्हन पक्ष ने आरोप लगाया कि दहेज के नाम पर लाखों रुपये हड़प लिए हैं। थाने में दुल्हन भी आ गई। उसने कहा कि वह बालिग है। पंकज के साथ ही शादी करेगी। इंस्पेक्टर कोतवाली ओमहरी वाजपेयी मुश्किल में पड़ गए। दुल्हन के भाई रोने लगे। उन्होंने कहा कि समाज में बड़ा अपमान होगा। इसके बाद भी दुल्हन शादी तोड़ने के लिए राजी नहीं हुई। उसने कहा कि कोर्ट मैरिज हो चुकी है। दुल्हन ने मांग में सिंदूर भी भर लिया था। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
दीक्षा ने पंकज को ब्राह्मण बताकर परिजनों से मिलाया था
पंकज बिजली लाइन बिछाने वाले ठेकेदार की कंपनी में काम करता है। कुछ माह पहले वह कन्नौज में विद्युतीकरण कार्य करने गया था। यहां उसकी दीक्षा दुबे से मुलाकात हुई। दोनों ने शादी का फैसला किया। युवती को पता था कि परिजन पंकज से उसका विवाह नहीं करेंगे। इसलिए उसने अपने प्रेमी को पंकज तिवारी बताते हुए परिजनों से मुलाकात करवाई। यही नहीं पंकज ने खुद को बिजली विभाग में इंजीनियर और आगरा निवासी बताया। दीक्षा के परिजन शादी की बात करने आगरा आए तो पंकज के माता-पिता अच्छे से मकान में रह रहे थे। सबकुछ पसंद आने पर शादी तय कर दी गई। एक जुलाई शादी की तिथि भी तय हो गई और कार्यक्रम मैनपुरी में रखा गया। दीक्षा के परिजनों ने तैयारियों का खर्चा पहले ही पंकज को दे दिया था। पंकज ने भी खुद को पहले ब्राह्मण बताया था। दीक्षा को दो साल बाद पता चला कि वह लोधी राजपूत है। लेकिन तब तक बात इतनी बढ़ चुकी थी कि शादी करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। दोनों ने सहमति से जाति छिपाई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो