फोन करने के बाद भी नहीं पहुंची एम्बुलेंस
दरसअल मामला थाना कोतवाली के हरिहरपुर का है। जहां कन्हैया की पत्नी सोनी को सांस लेने में दिक्कत हुई। जिसके बाद उसने 102 और 108 को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। पत्नी की हालत बिगड़ती देख कन्हैया ने पड़ोस में सब्जी बेचने वाले पड़ोसी से ठेला मांग कर अपनी बूढ़ी मां व बीमार पत्नी को पांच किमी तक चलकर जिला अस्पताल ले आया। कन्हैया का आरोप है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने पहले तो उसकी पत्नी को भर्ती करने में आनाकानी की। बाद में उसको औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा, लेकिन तब तक बीमार पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद पीड़ित कन्हैया ने शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की। जिस पर अस्पताल प्रशासन की ओर से एम्बुलेंस उपलब्ध न होने की बात कह दी।
जिला अस्पताल से भी नहीं मिली एम्बुलेंस
लाचार कन्हैया ने फिर उसी ठेले का सहारा लिया और गांव तक अपनी पत्नी के शव को लेकर गया। पीड़ित की बेबस मां ठेले पर बैठी रोती रही। शव ले जाने के दौरान रास्ते में भी कई खाली एम्बुलेंस दिखाई दीं पर किसी ने मदद को हाथ आगे नहीं बढ़ाया। मृतक महिला के चार बेटियां हैं। जिसमें से एक सिर्फ तीन माह की है। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए।
लाचार कन्हैया ने फिर उसी ठेले का सहारा लिया और गांव तक अपनी पत्नी के शव को लेकर गया। पीड़ित की बेबस मां ठेले पर बैठी रोती रही। शव ले जाने के दौरान रास्ते में भी कई खाली एम्बुलेंस दिखाई दीं पर किसी ने मदद को हाथ आगे नहीं बढ़ाया। मृतक महिला के चार बेटियां हैं। जिसमें से एक सिर्फ तीन माह की है। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए।