दूसरों की सुनकर परेशान न हों
जीवन में कई बार आप अपने सपनों को सिर्फ इसलिए पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि आप दूसरों के बारे में विचार करने लग जाते हैं। जीवन में दूसरे कभी भी तय नहीं कर सकते कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। अगर आप कुछ पसंद करते हैं, तो उस काम को करने की कोशिश करें। अगर आपके आस-पास का माहौल नेगेटिव है तो कान बंद कर लें।
जीवन में कई बार आप अपने सपनों को सिर्फ इसलिए पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि आप दूसरों के बारे में विचार करने लग जाते हैं। जीवन में दूसरे कभी भी तय नहीं कर सकते कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। अगर आप कुछ पसंद करते हैं, तो उस काम को करने की कोशिश करें। अगर आपके आस-पास का माहौल नेगेटिव है तो कान बंद कर लें।
खुद की चीजों पर कंट्रोल करें
वर्कप्लेस पर जिन कार्यों और स्थितियों को आप कंट्रोल करते हैं, उनकी लिस्ट बनाएं। यह आपकी टीम का आउटपुट, आपका सेल्स रूट, दिन के कार्यों का क्रम, सप्लाइज की खरीद, लोगों से मिलना, डेस्क को सजाना हो सकता है। इन कार्यों को सही तरह से पूरा करने की प्लानिंग करें। इन कामों पर अपनी पकड़ बनाएं।
खराब काम सबसे पहले करें
ऑफिस पहुंचने पर खराब काम सबसे पहले करें। आप सेल्स कॉल कर सकते हैं, बॉस से मिल सकते हैं या अकाउंट्स का काम पूरा कर सकते हैं। इन कामों को सबसे पहले पूरा करें। इससे आप पूरे दिन तनावमुक्त रह पाएंगे, क्योंकि मन में विश्वास रहेगा कि सबसे ज्यादा खराब काम तो आप पहले ही पूरा कर चुके हैं।
बिना अपेक्षा अच्छा करें
दिन का ऐसा समय चुनें, जब आप सबसे ज्यादा थके हुए या नाखुश हों। इस समय में ऑफिस में किसी कलीग की बिना अपेक्षा के मदद करें। साथियों की डेडलाइन में काम पूरा करने में मदद करें। इससे आपको एनर्जी मिलेगी।
खुद को पहचानें
पता करें कि आप कौन हैं, आप खुद को किस रूप में देखते हैं। अगर आपकी सेल्फ-इमेज और पहचान सिर्फ आपकी नौकरी से जुड़ी हुई है, तो आपको समस्या हो सकती है। अगर खुद को सिर्फ अकाउंटेंट, सेल्स पर्सन, वकील या सीईओ के रूप में पेश करते हैं तो यकीन मानिए कि आप खुद को प्रोफेशनल दायरे से बाहर नहीं निकाल पाए हैं। अपनी ऐसी पहचान चुनें, जो सेल्फ-इमेज को बहुआयामी बना सके। आपको अपने शौक और सपनों के आधार पर खुद की इमेज बनानी होगी।
पता करें कि आप कौन हैं, आप खुद को किस रूप में देखते हैं। अगर आपकी सेल्फ-इमेज और पहचान सिर्फ आपकी नौकरी से जुड़ी हुई है, तो आपको समस्या हो सकती है। अगर खुद को सिर्फ अकाउंटेंट, सेल्स पर्सन, वकील या सीईओ के रूप में पेश करते हैं तो यकीन मानिए कि आप खुद को प्रोफेशनल दायरे से बाहर नहीं निकाल पाए हैं। अपनी ऐसी पहचान चुनें, जो सेल्फ-इमेज को बहुआयामी बना सके। आपको अपने शौक और सपनों के आधार पर खुद की इमेज बनानी होगी।
आभार जताएं
अभी इस वक्त आपकी टेबल पर क्या रखा है? उसके प्रति आभार जताएं। आपको जो काम करने का मौका मिला है, उसके लिए धन्यवाद कहें। किसी भी काम को इस तरह से पूरा करें कि वह आपको अपने मकसद के थोड़ा और करीब ले जाए। खुद को मिली आजादी और मौकों के लिए कृतज्ञ रहें। आप गौर करें कि आभार जताते समय दुखी नहीं रहा जा सकता। जीवन को महसूस करने की कोशिश करें।
अभी इस वक्त आपकी टेबल पर क्या रखा है? उसके प्रति आभार जताएं। आपको जो काम करने का मौका मिला है, उसके लिए धन्यवाद कहें। किसी भी काम को इस तरह से पूरा करें कि वह आपको अपने मकसद के थोड़ा और करीब ले जाए। खुद को मिली आजादी और मौकों के लिए कृतज्ञ रहें। आप गौर करें कि आभार जताते समय दुखी नहीं रहा जा सकता। जीवन को महसूस करने की कोशिश करें।
खुद की पीठ थपथपाएं
एक नोटपैड पर रोज के कार्यों को लिखें। छोटी-छोटी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें। जब भी आप कोई काम पूरा करें तो खुद को कोई न कोई रिवार्ड दें। अगर आप खुद की पीठ थपथपाते हैं तो आपका मूड बहुत तेजी से बदलता है। इससे आप काम को एन्जॉय करने लगते हैं।
एक नोटपैड पर रोज के कार्यों को लिखें। छोटी-छोटी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें। जब भी आप कोई काम पूरा करें तो खुद को कोई न कोई रिवार्ड दें। अगर आप खुद की पीठ थपथपाते हैं तो आपका मूड बहुत तेजी से बदलता है। इससे आप काम को एन्जॉय करने लगते हैं।
इरादा रखें
सबसे पहला चरण ये कहना है कि मैं खुशियां चाहता हूं। इसे लिख लें और ऑफिस में जहां आप बैठते हैं, वहां पर वॉलपेपर की तरह लगा लें। आप जो चाहते हैं, उसे बार-बार खुद को याद दिलाने से आपकी इच्छाएं जिंदा रहती हैं और नए विचार आते हैं। इससे उन एक्टिविटीज और विचारों से दूर रहते हैं, जो आपको दुखी करते हैं। दिमाग में खुशियों की बात रखने से आप स्थितियों के प्रति सचेत हो जाते हैं।
सबसे पहला चरण ये कहना है कि मैं खुशियां चाहता हूं। इसे लिख लें और ऑफिस में जहां आप बैठते हैं, वहां पर वॉलपेपर की तरह लगा लें। आप जो चाहते हैं, उसे बार-बार खुद को याद दिलाने से आपकी इच्छाएं जिंदा रहती हैं और नए विचार आते हैं। इससे उन एक्टिविटीज और विचारों से दूर रहते हैं, जो आपको दुखी करते हैं। दिमाग में खुशियों की बात रखने से आप स्थितियों के प्रति सचेत हो जाते हैं।
आगे बढ़ें
अपने दिमाग से नेगेटिव बातचीत को निकाल दें। सभी खुश लोगों की तरह पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ें। बीते समय के बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं होता। हर सुबह एक नई शुरुआत होती है। आपके पास जो है, उसके लिए खुश रहें और बाकी बातों को भूल जाएं। बॉस के गलत व्यवहार और विफलताओं को भुलाकर आगे बढ़ें। नेगेटिव खयाल आपको कुछ नहीं देते, बस दुखी कर देते हैं।
अपने दिमाग से नेगेटिव बातचीत को निकाल दें। सभी खुश लोगों की तरह पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ें। बीते समय के बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं होता। हर सुबह एक नई शुरुआत होती है। आपके पास जो है, उसके लिए खुश रहें और बाकी बातों को भूल जाएं। बॉस के गलत व्यवहार और विफलताओं को भुलाकर आगे बढ़ें। नेगेटिव खयाल आपको कुछ नहीं देते, बस दुखी कर देते हैं।
बेस्ट काम पहले करें
सुबह की शुरुआत पंद्रह मिनट पहले करें। इस समय का इस्तेमाल उन कामों के लिए करें, जो आपको ऊर्जावान बनाते हों। आप एक्सरसाइज कर सकते हैं या न्यूजपेपर के साथ म्यूजिक सुन सकते हैं। म्यूजिक से इमोशन्स में बदलाव आता है, जो तनाव कम करता है। सुबह की शुरुआत सही होगी, तो दिन अच्छा बनेगा।
सुबह की शुरुआत पंद्रह मिनट पहले करें। इस समय का इस्तेमाल उन कामों के लिए करें, जो आपको ऊर्जावान बनाते हों। आप एक्सरसाइज कर सकते हैं या न्यूजपेपर के साथ म्यूजिक सुन सकते हैं। म्यूजिक से इमोशन्स में बदलाव आता है, जो तनाव कम करता है। सुबह की शुरुआत सही होगी, तो दिन अच्छा बनेगा।