आप गरीब हैं, आपके पिता घोड़ागाड़ी हांकते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने सपनों को हांक नहीं लगा सकते। आप तब भी अपने सपनों का पीछा कर सकते हैं। एक वक्त था जब लोग मेरे पिताजी को कहते थे कि छोरी के हाथों में हॉकी थमा कर उन्होंने गांव-परिवार के विनाश का रास्ता चुन लिया है। तब मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उनसे कुछ कह सकूं। मैंने सबको भरोसा दिलाया कि ऐसा कोई काम नहीं करूंगी कि किसी का सिर नीचे हो जाए।
मदद के लिए रहें तत्पर
अपने जीवन से यही सीख मिली है कि किसी की सहायता करने का मौका आए तो कदम पीछे मत हटाइए। मैं साथियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती हूं क्योंकि मैं जानती हूं कि मदद के लिए बढ़े हुए हाथ का मोल क्या होता है? मेरे कोच बलदेव सिंह ने मुझे हॉकी की किट दी क्योंकि मेरे परिवार के पास उसे खरीदने के पैसे न थे। उनकी एकेडमी घर से दो किलोमीटर दूर थी और वहां तक मैं पैदल चल कर आती थी। बाद मैं एक साइकिल की मदद भी मिली।
हंसना नियामत है
मुझे लगता है कि हंसना एक नियामत है। घर से लेकर मैदान पर भी मैं हंसती रहती हूं। यहां तक कि बुरे से बुरे हालातों में भी मेरे चेहरे से मुस्कान नहीं छूटी। मैं मानती हूं कि हंसते-हंसते आप हर मुसीबत से पार पा सकते हैं, सिर पकड़ कर बैठने से समस्या कम नहीं होती बल्कि बढ़ती है। जब भी हताश हो तो मुस्कुराइए।
तुलना से न घबराएं
लोगों से तुलना किए जाने से घबराइए मत, बल्कि इसका स्वागत कीजिए। तुलनाएं, एक तरह से लोगों की हमसे उम्मीदें हैं जो हमें आगे बढ़ाती है। मानकर चलिए कि लोगों को आपकी क्षमता पर यकीन है लेकिन वे आपसे इससे भी ज्यादा चाहते हैं। खुद को दबाव में महसूस करने की बजाय किसी भी तुलना को सकारात्मक रूप देना खुद आपके हाथ में है। आप खुद को किसी से कमतर मानते हैं तो यह आपकी भूल है।