पता करें कि आप कौन हैं, आप खुद को किस रूप में देखते हैं। अगर आपकी सेल्फ-इमेज और पहचान सिर्फ नौकरी से जुड़ी हुई है, तो समस्या हो सकती है। अगर खुद को सिर्फ अकाउंटेंट, सेल्स पर्सन, वकील या सीईओ के रूप में पेश करते हैं तो यकीन मानिए खुद को प्रोफेशनल दायरे से बाहर नहीं निकाल पाए हैं।
सबसे पहला चरण ये कहना है कि मैं खुशियां चाहता हूं। इसे लिख लें और जहां आप बैठते हैं, वहां पर वॉलपेपर की तरह लगा लें। आप जो चाहते हैं, उसे बार-बार याद करने से इच्छाएं जिंदा रहती हैं और नए विचार आते हैं।
अपने दिमाग से नेगेटिव बातचीत को निकाल दें। सभी खुश लोगों की तरह पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ें। बीते समय के बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं होता। हर सुबह एक नई शुरुआत होती है। आपके पास जो है, उसके लिए खुश रहें और बाकी बातों को भूल जाएं। आप विफलताओं को भुलाकर आगे बढ़ें।
जीवन में कई बार ऐसा होता है, जब आप अपने सपनों को सिर्फ इसलिए पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि आप दूसरों के बारे में विचार करने लग जाते हैं। जीवन में दूसरे कभी भी तय नहीं कर सकते कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। अगर आप कुछ पसंद करते हैं, तो सीधे तौर पर उस काम को करने की कोशिश करें।
हम सबको खेल खेलना पसंद होता है। आप सबसे मशहूर गेम कैंडी क्रश पर गौर कर सकते हैं। इस गेम में हर लेवल पर मुश्किलें बढ़ती चली जाती हैं। यहां आपकी मौजूदा मास्टरी पता लगती है। आप नौकरी के अपने बोङ्क्षरग रूटीन को गेम्स की सीरीज में तब्दील कर सकते हैं।
अभी इस वक्त आपकी टेबल पर क्या रखा है? उसके प्रति आभार जताएं। आपको जो काम करने का मौका मिला है, उसके लिए धन्यवाद कहें। किसी भी काम को इस तरह से पूरा करें कि वह आपको अपने मकसद के और करीब ले जाए।