हर इंसान के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होती है कि अक्सर वह भूल जाता है कि कॅरियर उसका है, इसलिए उसे इसके बारे में सही फैसले लेने चाहिए। हम यह सोचकर काम करते हैं कि लोग क्या सोचेंगे। हम लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए निर्णय लेते हैं। सच्चाई यह है कि बाहरी दुनिया को आपके बारे में सोचने के लिए फुर्सत ही नहीं है।
अगर आप गलत ट्रेन में बैठ गए हैं, तो सही गंतव्य तक नहीं पहुंच सकते। इसी तरह आप खुद अपने कॅरियर के मालिक हैं, आपकी कंपनी नहीं। एम्प्लॉई सोचता है कि कंपनी उसे इच्छित गंतव्य तक लेकर जाएगी, सच्चाई यह है कि आप खुद ही मंजिल का रास्ता बनाते हैं और उस पर चलते हैं। कॅरियर की दिशा खुद के निर्णयों से प्रभावित होती है, न कि कंपनी के निर्णयों से।
पारंपरिक सोच के मुताबिक कंपनी में अपनी नौकरी को अच्छी तरह से करना ही पर्याप्त होता है, पर अब समय बदल चुका है। कॅरियर की सर्वश्रेष्ठ स्थिति तो वह है, जब आप दूसरों को सफल होने में मदद करें। अगर आप खुद को बड़े मौकों के लिए तैयार रखते हैं तो प्रतिष्ठा बढ़ती है और कॅरियर में कई और मौके मिलने लग जाते हैं।
कॅरियर के सर्वश्रेष्ठ क्षण इसकी राह में मिलते हैं, न कि मंजिल पर। कॅरियर का मतलब सिर्फ एक ही काम को बार-बार करना नहीं है। इसमें हर बार कुछ नया करना पड़ता है। आपको अलग-अलग कंपनियों और कामों का अनुभव प्राप्त करना चाहिए। सफल कॅरियर के लिए रुचियों पर फोकस किया जाता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि ईमानदारी से अपना काम करने वाला व्यक्ति कॅरियर में तरक्की करता है, पर बड़ी पोस्ट के लिए आपको अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करना पड़ता है। आपको आगे बढक़र काम पूरे करने पड़ते हैं, अपने रोल में नवाचार करना पड़ता है और खुद को एक ब्रांड की तरह पेश करना पड़ता है। तब जाकर आप कॅरियर को एक बड़े मुकाम तक पहुंचा पाते हैं।
हर व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के कारण मौजूदा स्थिति में होता है। किसी अन्य व्यक्ति की सफलता से प्रेरित होना अच्छी बात है, पर उसके कॅरियर को देखकर परेशान होने से आपको कुछ हासिल नहीं होता है।
बड़ी नौकरी सफल कॅरियर की पहचान है, लेकिन यह सच नहीं है। किसी बड़ी कंपनी में बड़े पद पर काम करने का मतलब नहीं है कि आप संतुष्ट महसूस करें। बिग जॉब्स आपके कॅरियर के कोर डिजाइन को पूरा नहीं करते हैं।