scriptकामयाब होना है तो चाहिए ऐसा एटीट्यूड | If you want to succeed then you need such an attitude | Patrika News

कामयाब होना है तो चाहिए ऐसा एटीट्यूड

locationजयपुरPublished: Nov 16, 2019 03:36:58 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

यदि आप सिर्फ फेलियर्स पर ध्यान देंगे तो जीवन में कभी सफलता नहीं पा सकेंगे। सफलता के लिए विनिंग एटीट्यूड जरूरी है।

कामयाब होना है तो चाहिए ऐसा एटीट्यूड

कामयाब होना है तो चाहिए ऐसा एटीट्यूड

सफलता विफलता की राह से गुजरने पर ही मिलती है
जीवन में आपको कई लोग ऐसे मिलेंगे, जो आपको बिजनेस business या प्रोफेशनल professional लाइफ में सफलता के बारे में बताएंगे। उनके अनुसार सफलता विफलता की राह से गुजरने पर ही मिलती है। हम में से ज्यादातर लोगों ने इस बात को सुना है कि सफल होने के लिए हमें पहले विफल होना पड़ता है क्योंकि विफलता लाइफ के सबसे महान अध्यापकों में से एक होती है। लेकिन हम अक्सर इस बात का उल्लेख करना भूल जाते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए किस तरह का माइंडसेट होना जरूरी है। अगर हम इस माइंडसेट को अपना लेते हैं तो कामयाबी मिल सकती है। जानते हैं इसके बारे में-
आप जो कर रहे हैं, उसका महत्व समझें
स्टार्टरअप startup के शुरुआती दिनों में आप अपनी सेविंग्स खर्च करते हैं, लेकिन फिर भी टीम को सैलेरी सही तरह से नहीं दे पाते हैं। ऐसे समय में आप इंवेस्टमेंट ऑफर लेने की कोशिश करते हैं। इस तरह का सेटबैक अपने ऊपर हावी ना होने दें। यदि आपका प्रोडक्ट गेम चेंजिंग है या आप कोई नया सॉल्यूशन लेकर आए हैं तो इस पर भरोसा करें। आपको अपना महत्व समझना बहुत जरुरी है। आप सिर्फ उस ऑफर को स्वीकार करें, जो आपकी वैल्यू के अनुरूप हो। आपको सिर्फ पैसों के लिए काम करने से बचना चाहिए।
दूसरों की मदद करने पर फोकस करें
अगर आप दुनिया की सबसे सफल कंपनियों पर निगाह डालेंगे तो ऐसी कंपनियां नजर आएंगी, जो रोजमर्रा की मुश्किलों को आसान बनाने वाले सॉल्यूशन्स को ऑफर कर रही हैं। अपनी जॉब में अपनी कंपनी की समस्याओं को हल करने के बारे में सोच सकते हैं। अपनी टीम के सदस्यों की समस्या को सुलझा सकते हैं। अक्सर लोग खुद पर केंद्रित रहते हैं और दूसरों की मदद करने से बचते हैं। इसकी बजाय यह विचार करना चाहिए कि मैं दूसरों की मदद अच्छी तरह से कैसे कर सकता हूं। जब दूसरों की खुलकर मदद करते हैं तो आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
अपने ईगो को हावी ना होने दें
अक्सर युवा इस डर से ग्रस्त रहते हैं कि वे जो काम कर रहे हैं, उसमें कोई कमी है। यह डर उनके ईगो से निकलता है। वे खुद के ईगो को प्रोटेक्ट करने में बहुत ज्यादा समय और एनर्जी खर्च करते हैं। इससे उनको कोई फायदा नहीं होता है। इस तरह आप कमियों और गलतियों से सीख नहीं पाते हैं। आपको कभी भी ईगो को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।
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