किसी अच्छे टीम लीडर की एक बड़ी पहचान यह है कि वह क्राइसिस की स्थिति में आपे से बाहर नहीं होता।
जयपुर। बिजनेस लीडरशिप में साहस, जोखिम उठाने की क्षमता और नए प्रयोग करने का उत्साह जैसे गुण तो होने ही चाहिए, लेकिन जो एक विशेष गुण इसके लिए अनिवार्य माना जाता है, वह है बिजनेस क्राइसिस के दौरान धैर्य बरतने का गुण। इसके अभाव में आप संकट की स्थिति में बिजनेस को संभालने और उचित कदम उठाने से जुड़े निर्णय नहीं ले पाते। इसलिए क्राइसिस में आपा खोने से बचें।
रखें शांति
चाहे बिजनेस में नुकसान हो गया हो या किसी प्रोजेक्ट को पूरी तैयारी के बावजूद बीच में रोकना पड़ गया हो, हर स्थिति में शांति बनाए रखें। हड़बड़ा जाने पर आप मौजूदा स्थिति का आकलन सही ढंग से नहीं कर पाते। शांति बरतने का एक लाभ यह भी होगा कि पूरी टीम आपके साथ खड़ी होगी। हड़बड़ाए बॉस से लोग दूर भागते हैं।
स्थिति का सामना
बिजनेस में स्थिति कितनी भी खराब हो, टीम मेंबर्स आपका रुख जानना चाहते हैं। यदि आप लगातार स्थिति के सामान्य होने का बहाना बनाते रहेंगे तो इन लोगों का विश्वास खो बैठेंगे। बेहतर होगा कि स्थिति खराब होने पर चर्चा की जाए, ताकि उबरने की कोशिश की जा सके।
समेटें टूटे टुकड़े
बिजनेस में नुकसान झेलने के बाद बहुत से एंटरप्रेन्योर टूट से जाते हैं, लेकिन यदि आप शुरू से बिजनेस को प्रॉफिट-लॉस का खेल मानकर चलेंगे तो खुद को टूटने नहीं देंगे। मौजूदा स्थिति को स्वीकार करते हुए उपलब्ध संसाधनों के साथ आगे बढऩे के लिए कदम उठाएंगे तो अब तक हुआ नुकसान आगे हानि नहीं पहुंचा पाएगा।