जयपुर। विफलता से घबराएं नहीं। यह तो सफलता की नींव ईंट है। आपको विफलता से सबक सीखना चाहिए और पता करना चाहिए कि विफलता के दलदल से किस तरह से वापसी की जा सकती है। जानते हैं इसके बारे में। वर्ष 2008 में मैकिन्से के पूर्व कंसल्टेंट और जबॉन्ग के मौजूदा सीईओ प्रवीण सिन्हा ने एक्वा ब्रिम लॉन्च करने का निर्णय लिया। यह एक ऎसा गैजेट था, जो टैंक के फुल होने पर अपने आप पानी खींचने वाली मोटर को बंद कर देता था। यह गैजेट नहीं चला। समस्या यह थी कि गैजेट घरों में बोरवैल से पानी खींचने के लिए डिजाइन किया गया था, पर हर घर में बोरवैल की सुविधा नहीं थी। सिन्हा कहते हैं कि हम वापस ड्राइंग बोर्ड के पास गए और आठ अलग-अलग वेरिएंट्स डिजाइन किए। ये सीधे वाटर लाइन, बेसमेंट टैंकर या किसी गड्ढे से भी पानी पंप कर सकते थे। यह वेंचर अपने सातवें साल में है। वह कहते हैं कि कोई भी आइडिया या वेंचर बच्चे की तरह होता है। इसे काबू में करना मुश्किल होता है। आपको तो बस उसे सही आधार मुहैया करवाना होता है। जैसे-जैसे भारत का स्टार्टअप ईको-सिस्टम मेच्योर होता जा रहा है, वैसे-वैसे समझ में आ रहा है कि फेलियर सफल होने के लिए जरूरी है। तेजी से फेल होने से अगले सफर के लिए जरूरी सबक मिलते हैं। भारत के सबसे सफल ऑनलाइन वेंचर्स फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, जोमाटो आदि ने अलग-अलग बिजनेसेज में विफ लता देखी है। पैसा डूबा, रणनीति फेल हुई, पर हिम्मत को टूटने नहीं दिया। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्टार्टअप्स को पूरा प्रोडक्ट बाजार में पेश करने के बजाय ग्राहकों को उसकी एक झलक दिखानी चाहिए और मूड को भांपने का प्रयास करना चाहिए। आह वेंचर्स के सह-स ंस्थापक हर्षद लाहोटी कहते हैं कि मैं अपने ऑनलाइन पोकर स्टार्ट अप के लिए पैसे नहीं जुटा पाया था। 2008 में मैंने एक इन्वेस्टमेंट नेटवर्क तैयार किया, जो नई कंपनियों की मदद करता है। जबॉन्ग के सीईओ प्रवीण सिन्हा कहते हैं कि अगर नए स्टार्टअप्स को उन लोगों से मेंटरशिप मिले, जो खुद फेल हो चुके हैं तो नए लोगों को मदद मिल सकती है। सिन्हा ने इनोवेशन लैब स्थापित की है, जो लोगों को फेल होने के लिए प्रोत्साहित करती है। भारत में फेलियर को बुरी चीज माना जाता है। ऎसे में परिवार का सपोर्ट बहुत जरूरी है। परिवार के सपोर्ट से आप दुबारा मेहनत करके नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं। विफलता को एक चुनौती के रूप में देखना चाहिए। सफलता की राह में विफलता जरूर मिलती है। इसलिए इससे घबराने के बजाय सबक सीखने का प्रयास करें। आप ये करें 1-इमोशनल सपोर्ट बिजनेस शुरू करते समय परिवार के साथ विचार-विमर्श जरूर करें। अगर आप विफल होते हैं तो परिवार की ओर से ही इमोशनल सपोर्ट मिल सकता है। 2-दूसरों को बताएं अपनी विफलताओं को छुपाना नहीं चाहिए। इनसे दूसरों को सीखने का मौका देना चाहिए। आपका नेटवर्क ही आपको दुबारा उठने में मदद करेगा। 3- मजबूत और स्वस्थ रहें अगर आप बिजनेस में फेल भी हो जाएं तो यह बात सुनिश्चित रखें कि आप और आपका परिवार मजबूत और स्वस्थ रहे। फेलियर एक ही एरिया में हो सकती है। मशहूर फेलियर फ्लिपकार्ट कंपनी को अपना ऑनलाइन म्यूजिक स्टोर बंद कर पड़ा था। जोमाटो कंपनी लोकल इवेंट डिस्कवरी में फेल हुई और अपना इवेंट टिकटिंग प्लेटफॉर्म बंद करना पड़ा। स्नैपडील कंपनी ऑनलाइन डील्स मॉडल में हाथ आजमाने के बाद इन्वेंटरी आधारित ई-कॉमर्स और इसके बाद मार्केट प्लेस के रूप में केंद्रित हुई। फेलियर के बाद टीम के साथ मिलकर फेलियर के कारणों का पता करें। खुद के लिए समय निकालें और चिंतन करें। शोक में डूबे न रहें। नई राह चुनें। अगले लक्ष्य को जोश से पूरा करने की प्लानिंग करें। विफलता जरूरी है जितने भी सफल लोग हैं, वे कभी न कभी विफल जरूर हुए। सफलता कभी भी एक दिन में नहीं मिलती। इसमें समय लगता है। विफलता से आप जान जाते हैं कि आप सही राह पर हैं या नहीं।