जैसे-जैसे आपका स्टार्टअप अपने पैर जमाने लगता तो जरुरी है कि आप अपनी इनकम और एक्सपेंसेस को लीगल तरीके से मैनेज करना शुरू कर दें। इसके लिए आपको टैक्स एडवोकेट या फर्म की जरूरत होगी। जो आपको इस विषय में सही एडवाइज दें सके। यदि आप शुरुआती दिनों में किसी टैक्स फर्म या एडवोकेट से जुड़ जाते हैं तो यह आपके बिजनेस के लिए फायदेमंद होगा। एक ही फर्म से लंबे समय से जुड़े रहने से वह फर्म भी बिजनेस को सही तरीके से समझ पाएगी।
जब आप किसी भी बिजनेस की शुरुआत करते हैं, तो आपको प्रोडेक्ट, ऑफिस, मैटेरियल, ट्रांसपोर्ट या फिर सर्विस सबंधी विभिन्न कॉन्ट्रैक्ट साइन करने होते हैं। यह सभी कॉन्ट्रैक्ट एक लीगल फ्रेम में तैयार किए जाते हैं। ऐसे में आप किसी कॉन्ट्रैक्ट लॉयर को परमानेंट अप्वॉइंट करें या उसकी सर्विस प्रति मीटिंग के अनुसार भी ले सकते हैं।
एम्प्लॉइज की किसी भी प्रकार की समस्या या उनकी शिकायतों के निपटारे के लिए आपको एम्प्लॉयमेंट लॉयर की आवश्यकता होती है। आप चाहें तो किसी फर्म की सर्विस भी हायर कर सकते हैं, क्योंकि एम्प्लॉइज संबंधी शिकायतें आमतौर पर रोज नहीं होती हैं।