scriptMotivational Story : लक्ष्य पाने के लिए महिला के लिए बाधा नहीं है हिजाब | Motivation Story : How Hijab wearing Majiziya Bhanu became a champion | Patrika News

Motivational Story : लक्ष्य पाने के लिए महिला के लिए बाधा नहीं है हिजाब

Published: Sep 20, 2018 03:14:10 pm

माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी मजीजिया भानु डॉक्टर बने। उनका सपना पूरा करने के लिए मजीजिया ने डेंटिस्ट की पढ़ाई भी की। लेकिन पहचान उन्हें उनके अपने सपने से मिली। वे बॉडी बिल्डिंग का सपना देखती थीं।

Majiziya Bhanu

Majiziya Bhanu

माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी मजीजिया भानु डॉक्टर बने। उनका सपना पूरा करने के लिए मजीजिया ने डेंटिस्ट की पढ़ाई भी की। लेकिन पहचान उन्हें उनके अपने सपने से मिली। वे बॉडी बिल्डिंग का सपना देखती थीं। दो सालों में ही वे एक साधारण डेंटल छात्रा से अपने क्षेत्र की खास शख्सियत बन गईं। केरल स्टेट पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा उन्हें राज्य की सबसे ताकतवर महिला के रूप में तीन बार चुना गया है। बॉडीबिल्डर के तौर पर अपनी पहचान बनाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने कर दिखाया। वे कोच्चि में मिस्टर केरल प्रतियोगिता के महिला वर्ग में भाग लेने के दौरान जब हिजाब पहनकर मंच पर उतरीं, तो सभी की निगाहें उन पर थीं। इससे पहले लोगों ने किसी बॉडीबिल्डर को हिजाब में नहीं देखा था। वे साबित करना चाहती थीं कि हिजाब उनके लिए कोई परेशानी नहीं।

23 वर्षीय मजीजिया कहती हैं- मुझे हिजाब पहनने पर गर्व होता है, जो मेरी पहचान का हिस्सा है। यह मुझे किसी भी तरह से रोकता नहीं है, बल्कि गरिमा व ताकत देता है। हिजाब कभी भी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित किसी भी जुनूनी महिला के लिए बाधा नहीं। महिला अपने शरीर को दिखाने के लिए आजाद है, तो ढंकने के लिए भी आजाद होना चाहिए। इस क्षेत्र में एक और महिला देखना चाहती हूं, जो हिजाब पहनकर भाग ले। शुरुआत में पुरुष मुझे हिजाब में देख घूरते। जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि मैं उनकी तरह अभ्यास को लेकर गंभीर हूं। मैं एक रूढि़वादी गांव से हूं, पर माता-पिता ने मेरी इच्छाओं का ख्याल रखा, वर्ना मैं अपने लक्ष्य को नहीं पा पाती।

भानु की खेल में रुचि थी। पर उनके गांव में सुविधाएं नहीं थीं। डेंटल क्लास के बाद वे हर रोज दंगल के लिए 60 किलोमीटर दूर ट्रेन से कोझिकोड जाया करती थीं। धीरे-धीरे वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं। अब वे अपने गांव की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। गांव में अब जिम खुल गया है। युवा लड़कियां व महिलाएं उनसे सलाह लेने आने लगी हैं। वे एक अकादमी स्थापित करना चाहती हैं, जो मार्शल आर्ट्स, पॉवरलिफ्टिंग, आर्म-रेसलिंग व बॉडीबिल्डिंग सहित मल्टी-डिसप्लिनरी होगा। इसमें लड़कियों को अहमियत दी जाएगी। उन्हें यकीन है कि वे अपने जुनून को जरूर पूरा करेंगी। इस समय वे तुर्की में होने वाले वल्र्ड आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप-2018 की तैयारी में जुटी हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो