हम छोटे से बड़े होते हैं तो इसका मतलब है कि हम खुद को आगे बढ़ाएं। पिताजी अनाज के व्यापारी थे। लंबा-चौड़ा बिजनेस नहीं था। संयुक्त परिवार था और गुजारा चल जाता था। मैंने वहां से आगे जाने की ठानी, जहां हम थे। मुझे पता था कि मैं अपने खेल के सहारे आगे बढ़ सकता हूं इसलिए खेलते-खेलते ही आगे बढ़ा।
जब इम्तिहान हो बहुत मुश्किल मैंने ऐसे कई दिन देखे हैं जब मेरे बैट से तिहरे शतकों की बारिश हो रही थी और ऐसे भी जब मुझे मैदान से बाहर बैठा दिया गया। आपको कभी इम्तिहान ज्यादा बड़ा लगे तो ऊपरवाले का शुक्रिया अदा कीजिए कि वह बंदे को इस लायक समझता है कि उसे सीधे ही बड़े एग्जाम में बैठा रहा है, आपकी क्लास खास है। इससे बढक़र भला और क्या खूबसूरत अहसास है।
मैं कर्म पर भरोसा करता हूं। आप जैसा बोएंगे, वैसा ही काटेंगे। यह सब कुछ इसी जीवन में होगा। एक बार तय कर लीजिए कि आपको करना क्या है, बस इसके बाद उस लक्ष्य को आंखों से ओझल न होने दें। जी-तोड़ मेहनत करें और नतीजा ऊपरवाले पर छोड़ दें।
इमोशन को बनाएं अपनी ताकत अपने इमोशन बचाकर रखिए। आदमी के भीतर कुछ हासिल करने की इच्छा बची रहेगी तो वह काम कर पाएगा, काम आ पाएगा। इसलिए भावनाओं को अपनी ताकत बनाकर पेश कीजिए। अपने संपर्क में आए लोगों को खुश रखने का प्रयास कीजिए, यही वास्तविक सफलता है।