फिल्म ‘त्रिशूल’ में पूनम ढिल्लों को संजीव कुमार, शशि कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे नामचीन सितारों के साथ काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उन्होंने संजीव कुमार की पुत्री की भूमिका निभाई जो अभिनेता सचिन से प्रेम करती है। फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ‘गप्पूजी गप्पूजी गम गम’ उन दिनों युवाओं के बीच क्रेज बन गया था। फिल्म त्रिशूल टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद कई फिल्मकारों ने उनसे अपनी फिल्म में काम करने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने उन सारे प्रस्तावों को ठुकरा दिया क्योंकि वह अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी। इस बीच उन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना चाहा, लेकिन उनके बड़े भाई ने उन्हें हतोत्साहित कर दिया। इसके बाद उनकी तमन्ना भारतीय विदेश सेवा में काम करने की हो गई और वह परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
वर्ष 1979 में यश चोपड़ा के ही बैनर तले बनी फिल्म ‘नूरी’ में उनको काम करने का अवसर मिला। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ उन्हें बल्कि अभिनेता फारूख शेख को भी ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया। फिल्म में लता मंगेशकर की आवाज में ‘आजा रे आजा रे मेरे दिलबर आजा गीत’ आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। ‘नूरी’ की सफलता के बाद पूनम ढिल्लों ने यह निश्चय किया कि वह फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाएंगी।
इसके बाद उन्हें राजेश खन्ना के साथ ‘रेड रोज’, जितेन्द्र के साथ ‘निशाना’ और राजकपूर के बैनर तले बनी फिल्म ‘बीबी ओ बीबी’ में काम करने का अवसर मिला, लेकिन दुर्भाग्य से सभी फिल्में टिकट खिडक़ी पर असफल साबित हुईं। इन फिल्मों की असफलता से पूनम ढिल्लों को अपना कैरियर डूबता नजर आया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना संघर्ष जारी रखा। इस बीच उन्हें राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘दर्द’ और कुमार गौरव के साथ फिल्म ‘तेरी कसम’ में काम करने का अवसर मिला। इन फिल्मों की सफलता के बाद पूनम अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गईं।
वर्ष 1988 में उन्होंने निर्माता अशोक ठकारिया के साथ शादी कर ली। अशोक ठकारिया ने दिल, बेटा, राजा, मस्ती और मन जैसी कई कामयाब फिल्मों का निर्माण किया है। इसके बाद पूनम ढिल्लों ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म विरोधी के बाद उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म ‘जुदाई’ से उन्होंने अपने कैरियर की दूसरी पारी शुरू की।
वर्ष 1995 में उन्होंने दर्शकों की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और ‘अंदाज’ तथा ‘किटी पार्टी’ जैसे धारावाहिकों में काम किया। इन सबके साथ ही बिगबॉस के तीसरे सीजन में उन्होंने हिस्सा लिया जिसमें वह तीसरे स्थान पर चुनी गईं। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद वह सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी लेने लगीं। उन्होंने शराब विमुक्ति, एड्स और परिवार नियोजन जैसे कई सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है। इस बीच उन्होंने अपनी मेकअप वैन कंपनी ‘वैनिटी’ की स्थापना की जो फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों को उनके मेकअप की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराती है। पूनम ढिल्लों ने लगभग 70 फिल्मों में काम किया है। वह इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं हैं।