उनके स्टेप फादर फ्रेडी ट्रिपलेट अक्सर उनके और उनकी मां के साथ किसी न किसी बात पर मारपीट करते रहते थे। एक समय ऐसा भी आया जब उनके सौतेले पिता ने उनकी मां को जिंदा जलाने की कोशिश की। पुलिस ने उनके पिता को अरेस्ट कर लिया। परन्तु ये दुखद घटनाएं भी क्रिस की आगे बढ़ने की इच्छाओं को नहीं दबा सकी।
इसके बाद क्रिस सैन फ्रांसिस्को आ गए। यहां उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से शादी कर ली, लेकिन उनके आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। वह सेल्समैन की जॉब करते थे। यहां तक कि वह प्रिंटिग मशीन भी बेचते थे, जिससे कुछ कमीशन मिल जाता था, लेकिन परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उनकी पत्नी उन्हें छोडक़र चली गई। अब उनके साथ सिर्फ उनका बेटा था। उन्होंने अपना जीवन सुधारने के बाद कई नौकरियां की, पर कहीं खास सफलता नहीं मिली।
इस बीच एक दिन क्रिस ने सूट-बूट पहने एक शख्स को अपनी फरारी पार्क करते देखा। उस शख्स से प्रभावित होकर उन्होंने उससे पूछा कि वह क्या करते हैं? जवाब मिला, वह स्टॉक ब्रोकर हैं और ८० हजार डॉलर प्रतिमाह कमाते हैं। इस पल ने उनकी जिंदगी का नजरिया बदल दिया। उन्होंने भी स्टॉक ब्रोकर बनने का फैसला लिया। वह इसके ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ गए। जो थोड़ा सा वेतन उन्हें मिलता था, उससे वह बेटे को सुबह के देखभाल केंद्र में भेजते थे।
उन्होंने कई रातें बेघरों के आश्रम में गुजारी। ट्रेनिंग खत्म होने पर उन्हें कंपनी में स्टॉकब्रोकर की जॉब मिल गई। फिर १९८७ में उन्होंने अपनी ब्रोकरेज फर्म गार्डनर रिच एंड कंपनी शुरू की। उनकी कंपनी चल पड़ी और वह मल्टी-मिलेनियर बन गए।