UPSC C Civil Services में सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं है। इसमें सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है। कोमल को निजी जिंदगी में लड़ाई के अलावा और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इंटरनेट, अंग्रेजी अखबार, स्मार्टफोन जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी के बावजूद गुजरात की रहने वाली कोमल ने अपनी लड़ाई जारी रखी। कड़ी मेहनत, धैर्य और जीवन की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने 2012 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की।
कोमल की 26 साल की उम्र में एक एनआरआई से शादी कर दी गई थी। उनकी शादी महज दो हफ्तों से ज्यादा नहीं चली। शादी के 15 दिनों बाद ही उनका एनआरआई पति उन्हें छोड़कर न्यूजीलैंड चला गया और कभी लौटकर वापस नहीं आया। काफी कोशिशों के बावजूद कोमल अपने पति से संपर्क नहीं कर पाई। कोमल ने न्यूजीलैंड की संसद को उस कानून का विरोध करते हुए पत्र लिखा, जिसके अनुसार पत्नी अपने पति से नहीं मिल सकती जो दूसरे देश में रहती है। हालांकि, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें पत्र मिला, लेकिन उससे कोई मदद नहीं मिली।
सामने कोई भविष्य नजर नहीं आता देख, कोमल ने तब यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया। काफी मुश्किलों के बाद वह 2012 में अपनी तीसरी कोशिश में सफल हो पाई। वर्तमान में वह रक्षा मंत्रालय में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात है। हालांकि, यूपीएससी में सफलता हासिल करने से पहले उन्होंने अपना कॅरियर गुजरात के एक छोटे से गांव में सरकारी टीचर के रूप में शुरू किया। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की, तब ना तो उनके पास इंटरनेट, अंग्रेजी अखबार, लैपटॉप और स्मार्टफोन की सुविधा थी। परीक्षा की तैयारी के लिए सप्ताह के आखिर में वह अपने स्कूल से अहमदाबाद जाती थीं। यही नहीं, UPSC Civil Services s exam के लिए उन्हें 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके गुजरात से मुंबई जाना पड़ा।
कोमल अपनी तीसरी कोशिश में 2012 में यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफल रहीं और युवाओं के लिए वह एक रोल मॉडल हैं कि मुश्किल हालात में भी हिम्मत नहीं हारने से आप अपनी मंजिल पा सकते हैं।