पहचान करना आवश्यक
यंग या स्मॉल एंटरप्रेन्योर के लिए जरूरी है कि उसे इस बात का पता होना चाहिए कि मार्केट में उसके कॉम्पीटिटर कौन-कौन हैं? आप जिस भी सेक्टर के बिजनेस में हो आपका सामना कॉम्पीटिटर से अवश्य होगा। इसलिए कॉम्पीटिटर की पहचान करें और उसी के अनुसार अपनी स्ट्रेटजी को प्लान करें। आपको बिजनेस की शुरुआत में बिग ब्रांड की ओर देखने की आवश्यकता नहीं है। शुरुआत आप स्मॉल बिजनेस कॉम्पीटिटर के साथ करें।
यंग या स्मॉल एंटरप्रेन्योर के लिए जरूरी है कि उसे इस बात का पता होना चाहिए कि मार्केट में उसके कॉम्पीटिटर कौन-कौन हैं? आप जिस भी सेक्टर के बिजनेस में हो आपका सामना कॉम्पीटिटर से अवश्य होगा। इसलिए कॉम्पीटिटर की पहचान करें और उसी के अनुसार अपनी स्ट्रेटजी को प्लान करें। आपको बिजनेस की शुरुआत में बिग ब्रांड की ओर देखने की आवश्यकता नहीं है। शुरुआत आप स्मॉल बिजनेस कॉम्पीटिटर के साथ करें।
कस्टमर के साथ लॉयल रहें
क स्टमर बेस बढ़ाने के लिए जरुरी है कि ऐसे कस्टमर की पहचान करें जो कि आपकी सर्विस या प्रोडक्ट को रेगूलर इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी जरूरत को समझें और उसी के अनुसार उन्हें आप सर्विस ऑफर कर सकते हैं। ऐसे कस्टमर से आने वाले फीडबैक स्मॉल बिजनेस के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। वहीं जो कस्टमर आपके साथ लंबे समय से जुड़े हैं उनके लिए अलग से डिस्काउंट या ऑफर प्लान करें।
क स्टमर बेस बढ़ाने के लिए जरुरी है कि ऐसे कस्टमर की पहचान करें जो कि आपकी सर्विस या प्रोडक्ट को रेगूलर इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी जरूरत को समझें और उसी के अनुसार उन्हें आप सर्विस ऑफर कर सकते हैं। ऐसे कस्टमर से आने वाले फीडबैक स्मॉल बिजनेस के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। वहीं जो कस्टमर आपके साथ लंबे समय से जुड़े हैं उनके लिए अलग से डिस्काउंट या ऑफर प्लान करें।
एम्प्लाई की जरूरतें समझें
बिजनेस रिसर्च से जुड़ी एक फर्म की रिपोर्ट में सामने आया है कि नाखुश कर्मचारी आपकी प्रोडक्टीविटी को 10 प्रतिशत तक घटा सकते हैं, जबकि खुश कर्मचारी 12 प्रतिशत बढ़ा सकते हैं। यह समझने की जरुरत है कि कॉम्पीटिटर के बिजनेस को ओवरशाइन करने के लिए आपको अपने एम्प्लाई की जरूरतों को समझना होगा। वहीं कस्टमर रिलेशन, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, स्मॉल स्केल मार्केटिंग आदि को भी यदि सही तरीके से मैनेज किया जाए तो अपने कॉम्पीटिटर के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
बिजनेस रिसर्च से जुड़ी एक फर्म की रिपोर्ट में सामने आया है कि नाखुश कर्मचारी आपकी प्रोडक्टीविटी को 10 प्रतिशत तक घटा सकते हैं, जबकि खुश कर्मचारी 12 प्रतिशत बढ़ा सकते हैं। यह समझने की जरुरत है कि कॉम्पीटिटर के बिजनेस को ओवरशाइन करने के लिए आपको अपने एम्प्लाई की जरूरतों को समझना होगा। वहीं कस्टमर रिलेशन, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, स्मॉल स्केल मार्केटिंग आदि को भी यदि सही तरीके से मैनेज किया जाए तो अपने कॉम्पीटिटर के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
रियलिस्टिक डिस्काउंट की जरूरत
एक स्टार्टअप के लिए आवश्यक है कि वह रियलिस्टिक डिस्काउंट का ही ऑफर करें। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि प्रतिमाह ही ऐसे ऑफर लेकर आएं। क्वाटर्ली भी कर सकते हैं। जब भी आप डिस्काउंट या ऑफर की प्लानिंग करें उसे यह सोचकर करें कि कस्टमर का रिएक्शन पॉजीटिव हो।
एक स्टार्टअप के लिए आवश्यक है कि वह रियलिस्टिक डिस्काउंट का ही ऑफर करें। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि प्रतिमाह ही ऐसे ऑफर लेकर आएं। क्वाटर्ली भी कर सकते हैं। जब भी आप डिस्काउंट या ऑफर की प्लानिंग करें उसे यह सोचकर करें कि कस्टमर का रिएक्शन पॉजीटिव हो।