अच्छा व्यवहार
लोगों से घुलना-मिलना, अच्छा व्यवहार, सहकर्मियों से जिंदादिली से मिलना, रिश्तेदारों के साथ जुड़ाव, परिवार के सदस्यों से हमदर्दी और जुड़ाव आपको अधिक उम्र जीने का मौका देता है। जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर जेरेमी वाल्सटन कहते हैं, गुमसुम लोग अक्सर बीमार रहने लगते हैं।’ दीर्घायु लोगों पर अध्ययन करने के लिए दुनिया भर की सैर कर चुके नेशनल ज्योग्राफिक के शोधकर्ता डैन बटनर कहते हैं, ‘इटली के सरडीनिया में सौ साल के लोगों की बड़ी संख्या है और ये लोग जिंदादिली के कारण ही स्वस्थ और खुश रहते हैं।
मकसद
हमारा उद्देश्य हमें एक्टिव और खुश बनाए रखता है। जो किसी मकसद से जीते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील रहते हैं, उनमें जिंदगी के प्रति उत्साह होता है। ऐसे लोग अक्सर लंबी आयु प्राप्त करते हैं। साइकोलोजिकल सांइस में प्रकाशित एक शोध में भी अनुसंधान कर्ताओं ने ऐसी राय जाहिर की है। न्यूयॉर्क सिटी के माउंट सिनाई में स्थित इशान स्कूल ऑफ मेडिसिन के जेरियाट्रिक्स प्रोफेसर रोजेन लीपजिंग कहते हैं कि आपको नई हॉबीज अपनानी चाहिए और सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। इससे जीवन का मकसद मिलता है।
सही हो खानपान
खानपान भी महत्वपूर्ण है अधिक उम्र जीने में खासतौर पर फल-सब्जियां खाना चाहिए। मिशिगन विश्वविद्यालय के एक शोध में सामने आया है कि फल और सब्जियां खाने वाली महिलाओं की आयु दूसरी फल-सब्जी कम खाने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। जापान के ओकीनावा में रहने वाले शतायु बुजुर्ग दूसरी जगह के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। यहां लोगों में प्लांट बेस्ड डाइट खाने की आदत है।
झपकी भी है काम की
दोपहर में थोड़ा सा आराम करने की आदत भी आपके जीवन को लंबा बना सकती हैै। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 23 हजार लोगों पर लगातार 6 सालों तक अध्ययन किया तो सामने आया कि जिन लोगों की दोपहर में आधा घंटे तक नींद लेने की आदत थी उनमें अन्य लोगों की तुलना में हार्ट डिजीज से मरने का 37 फीसदी कम जोखिम था। ग्रीस के एक छोटे से गांव इकारिया में सौ वर्ष की आयु पार चुके लोगों की बड़ी संख्या है और उनमें दोपहर को नियमित सोने की आदत है।
आशावादी
अगर आप आशावादी हैं, छोटी-छोटी बात पर निराश नहीं होते तो आपकी आयु सौ के पार जाने में ज्यादा कठिनाई नहीं। ‘एजिंग’ जर्नल में प्रकाशित एक शोध के नतीजों से पता चला है कि ऐसे लोग स्ट्रेस और एंग्जायटी से विचलित नहीं होते। इसी तरह अगर आप खुद को असली उम्र से कम महसूस करते हैं और दूसरे लोग भी ऐसा ही आकलन करते तो आप अधिक जीएंगे। आपके खानपान में पौष्टिक तत्वों की मात्रा होना भी जरूरी है।