आभार व्यक्त करना सीखें
प्रभावकारी व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता होती है- आभार जताना। जिंदगी में हर दिन ऐसे अवसर आते हैं। कार्य छोटा हो या बड़ा, जब भी कोई हमारे लिए कुछ करे, दिल से उन लोगों को धन्यवाद कहें और उनके अच्छे व्यवहार के लिए सराहना करें। आप जितना ज्यादा इसका अभ्यास करेंगे, उतना ही आपको फायदा होगा।
आपकी सफलता लोगों के दिमाग को प्रभावित करती है, लेकिन आपका सरल स्वभाव उनके दिलों में रहता है। आज के समय में हम अपने पहनावे को लेकर काफी सजग रहते हैं लेकिन पहनावे की अपेक्षा जो आदत सबसे ज्यादा हमें जोड़ेगी वह है- सरल व सहज स्वभाव। यह आदत जीवन बदल देती है।
अच्छा वक्ता होने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है। यह शिकायत सबको रहती है कि कोई उन्हें सुनता-समझता नहीं है यानी यह तय है कि एक अच्छे श्रोता का सब जगह अभाव है।
जब भी हमसे कोई अपना सपना, विचार, योजना शेयर करे, उसको उत्साह और ध्यान सेसुनें। जरूरी हो तो सुझाव दें और उसे प्रेरित करें कि सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास के साथ वह ऐसा कर सकता है। आपको लगता है कि कुछ सुधार करने की जरुरत है तो उसे बताएं। उसकी अच्छी बातों, गुणों के लिए प्रशंसा करें। साथ ही कहें कि मुझे विश्वास है कि तुम यह काम कर लोगो। इससे उत्साह का संचार होगा।
क्या हम आस-पास के एक भी ऐसे इंसान का नाम बता सकते हैं जो बहुत उग्र स्वभाव का हो, लेकिन सबको पसंद हो? ऐसा बहुत मुश्किल होता है। विनम्रता को कुछ इस तरह से समझें कि जब भी सामने वाला गुस्सा कर रहा हो तो शांत होकर जवाब देना, उसकी गलती होने पर भी सहज रूप से बात करें। इससे जीवन सरल बन जाता है।
एक सर्वे के अनुसार ज्यादातर लोग अपनी बातें इसलिए शेयर नहीं करते क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं उन्हें गलत न मान लिया जाए। यह आदत धीरे-धीरे हमें लोगों से दूर करने लगती है, जबकि लोग जैसे हैं, वैसे ही रहने दें। आप उन्हें सही या गलत कि परिभाषा में ना बांधें। हर व्यक्ति परिस्थितियों के अनुरूप बेहतर करने की कोशिश करता है।