बिजनेस में रिलेशनशिप का महत्वपूर्ण रोल होता है। विशेषकर जब आप का स्टार्टअप नया है और आपकी खास पहचान नहीं है। इसलिए आवश्यक है कि आप अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर रिलेशनशिप पर भी फोकस करें। बिजनेस रिलेशनशिप के अतिरिक्त सोशली भी आप एक्टिव रहें। रिलेशनशिप को टाइम देने से आप को बिजनेस में तो लाभ मिलेगा ही साथ ही आप मानसिक रुप से भी मजबूत होंगे। कॉम्पिटिटर हो या सप्लायर या फिर आपका स्टाफ सभी के साथ आपकी बॉन्डिंग मजबूत होनी चाहिए, ताकि परेशानी में भी वे आपसे कंधे से कंधा मिलाकर चल सके।
स क्सेसफुल एंटरप्रेन्योर की लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा अपने विजन पर फोकस होता है। स्टार्टअप जब सफल होने लगे तब भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकें। मैनेजमेंट प्रोफेशनल के रिसर्च के अनुसार स्टार्टअप की सफलता के दौरान हम नए-नए प्रयोग करने लगते हैं और तय किए गए लक्ष्य से भटक जाते हैं। प्रोफेशनल्स के अनुसार तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति होने के बाद भी 24 माह तक स्टार्टअप में नवीन प्रयोगों से बचें। स्थाई होने के बाद आप कॉन्फिडेंट हो जाएंगे तो प्रयोग भी सफल होने लगेंगे।
इंडिया में जहां से स्टार्टअप की स्टोरी शुरुआत होती है वह है फ्लिपकार्ट। सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाकर जब किताबें बेचना शुरू किया, तो किसी को उनकी सफलता का तनिक भर भी एहसास नहीं था। यह स्टार्टअप अब दुनिया की सबसे सक्सेसफुल स्टार्टअप में से एक है। यंग एंटरप्रेन्योर के लिए फ्लिपकार्ट जैसा स्टार्टअप मॉडल इंस्पिरेशन हो सकता है। एंटरप्रेन्योर को शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मजबूती के साथ फेलियर का सामना करें।
ओयो रुम्स के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने 17 साल की उम्र में ही स्टार्टअप की दुनिया में कदम रख दिया था। हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट जैसे फील्ड पर कई फेमस कंपनियों का एक तरह से कब्जा था लेकिन रितेश कॉम्पिटिशन से नहीं डरे। उन्होंने इस फील्ड में बने रहने के लिए ओयो रुम्स को एक अलग तरीके से पेश किया और सफल होने के नए आइडिया निकाले। इस बात को ध्यान में रखें कि कॉम्पिटिशन डराता नहीं, मजबूती प्रदान करता है।