इसीलिए योगी ने मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इकॉनामी का लक्ष्य हासिल करने के लिए मंत्रियों के साथ ही अधिकारी भी फैसले लें और उसका समय से क्रियान्वयन करें। आपस में समांजस्य बना रहे, इसके लिए इस तरह की कक्षाएं जरूरी है। विभागीय एक अधिकारी ने बताया कि अवस्थापना विकास, औद्योगिक निवेश व रोजगार सृजन, कृषि विकास और शहरी नियोजन को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में अफसरों की क्लास लगेगी।
उन्होंने बताया कि अभी समय निश्चित नहीं हुआ है, लेकिन यह क्लास जल्द ही शुरू होगी। इसमें जिलाधिकारी और मंडलायुक्त भी शामिल होंगे। आईआईएम में संबंधित विभागों के अफसरों की पढ़ाई और उसके क्रियान्वयन की भूमिका बन रही है। हो सकता है यह कार्यक्रम उपचुनाव बीत जाने के बाद ही तय हो जाएं। अधिकारी ने कहा कि अभी तक जो कक्षाएं चली हैं, उसके तहत जरूरत पडऩे पर जिले के हर बड़े अधिकारियों को भी कक्षाओं में शामिल कराया जा सकता है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी सरकार ने अपने राजनीतिक नेतृत्व की दक्षता के लिए देश के श्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान में शुमार आईआईएम से प्रशिक्षण लिया है। इसमें योगी सरकार के सभी मंत्रियों ने तीन चरणों में कक्षाएं ली हैं। इस कार्यक्रम का मकसद मंत्रियों और अधिकारियों को यह सिखाना है कि कैसे सरकारी नीति का उचित निर्माण और बेहतर क्रियान्वयन हो। नीतियों का अगर बेहतर क्रियान्वयन होगा तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं का लाभ मिलेगा।