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इंदौर बाजार: मार्कफेड बेचेगा एक लाख टन से ज्यादा मूंग, शर्तेे बड़ी कंपनियों के हित में

locationइंदौरPublished: Aug 17, 2022 06:18:16 pm

छोटे और मध्यम कारोबारियों में फैला असंतोष-17 August 2022

इंदौर बाजार: मार्कफेड बेचेगा एक लाख टन से ज्यादा मूंग, शर्तेे बड़ी कंपनियों के हित में

इंदौर बाजार: मार्कफेड बेचेगा एक लाख टन से ज्यादा मूंग, शर्तेे बड़ी कंपनियों के हित में

इंदौर. मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) ने सरकारी गोदामों में से मूंग की नीलामी शुरू कर दी है। निविदा की शर्तों और प्रक्रिया पर विरोध और विवाद शुरू हो गया है। दरअसल प्रदेश के 16 से ज्यादा जिलों के गोदामों से मार्कफेड कुल 1 लाख 11 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा साबुत मूंग की नीलामी कर रहा है। नीलामी में बेची जा रही मूंग समर्थन मूल्य पर रबी सीजन 2021-22 में ही उपार्जित की गई थी। मार्कफेड की नीलामी प्रक्रिया शर्तों को लेकर प्रदेशभर के व्यापारियों और मंडी में असंतोष फैल रहा है। दरअसल नीलामी के साथ शर्त रखी गई है कि एक बार में एक ही लाट में गोदाम की पूरी मूंग का विक्रय होगा। जिन जिलों के गोदामों से मूंग का विक्रय हो रहा है वहां सबसे छोटा लाट भी 128 मीट्रिक टन का है। जबकि सीहोर, हरदास होशंगाबाद जैसे प्रमुख मूंग उत्पाद क्षेत्रों के गोदामों में लाट 2200 से लेकर 71 हजार मीट्रिक टन के हैं। व्यापारियों के अनुसार एक बार में इतनी मात्रा बेचे जाने की शर्त का सीधा लाभ बढ़ी कंपनियों को मिलेगा। छोटे और मध्यम मिलर्स और कारोबारी सरकारी विक्रय की प्रक्रिया से खुद-ब-खुद बाहर हो जाएंगे। क्योंकि छोटे मध्यम मिलर्स के लिए इतना मूंग एक साथ उठाना संभव नहीं है। इसका असर होगा कि बड़ी कंपनियां लाभ उठाते हुए कम दामों पर मूंग खरीदेगी। आगे भी बड़ी कंपनियों को ही सस्ते माल का लाभ मिलेगा। छोटे-मध्यम कारोबारियों नेे मांग रखी है कि सरकार मूंग विक्रय की शर्तों में बदलाव कर लाट में विक्रय करे। ताकि मध्यम-छोटे मिलर्स प्रक्रिया में शामिल हो सके। साथ ही शर्त भी रखी जाए कि कंपनियां सरकार से खरीदी गई मूंग को प्रदेश की मंडियों में न बेचे। स्थानीय कारोबारियों को डर है कि कंपनियां सरकारी गोदामों से खरीदा मूंग मंडियों और बाजार में उतार कर अचानक गिरावट का महौल बना सकती है। हालांकि निविदा और नीलामी की शर्तों में मार्कफेड ने यह शर्त तो जोड़ी है कि आगे समर्थन मूल्य पर मप्र में होने वाली मूंग खरीदी के दौरान यह मूंग विक्रय के लिए नहीं आना चाहिए। हालांकि प्रतिबंध सिर्फ समर्थन मूल्य में बेचे जाने पर है। साफ है कि आगे मूंग का बाजार मेे उतरने वाला यह स्टॉक और फिर एमएसपी पर होने वाली खरीदी दोनों बाजार को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। एक ओर सरकारी खरीदी के कारण किसान अब कम दाम पर मूंग नहीं बेचेंगे। दूसरी ओर बड़ी कंपनियों द्वारा अपने स्टॉक के दम पर कभी भी बाजार में गिरावट लाने का खतरा बरकरार रहेगा।
मुंबई पोट पर आयातित चना तंजानिया 4700, काबुली सूडान 6000, मसूर कनाड़ा 6700, मसूर तुवर लेमन 7400, तुवर अफ्रीका 7900, तुवर अरुषा 6050, गजरी 5950 व उड़द एफएक्यू 7050 रुपए तेज रही।
दलहन- चना 5000 से 5050, विशाल 4700 से 4925, डंकी चना 4400 से 4550, मसूर 6625 से 6650, तुवर महाराष्ट्र 7800 से 8100, कर्नाटक 8000 से 8200, निमाड़ी 7000 से 7600, मूंग 6500 से 6600, एवरेज 5500 से 6000, उड़द 7400 से 7800, मीडियम 6300 से 6800, गर्मी का उड़द 7000 से 7600 रुपए क्विंटल।
दालें- चना दाल 6200 से 6300, मीडियम 6400 से 6500, बोल्ड 6600 से 6700, मसूर दाल मीडियम 7700 से 7800, बोल्ड 7900 से 8000, तुवर दाल सवा नंबर 9600 से 9700, फूल 9800 से 9900, बेस्ट तुवर दाल 10000 से 11200, मूंग दाल मीडियम 8600 से 8700, बोल्ड 8800 से 8900, मूंग मोगर 8800 से 9000, बोल्ड 9100 से 9200, उड़द दाल मीडियम 9100 से 9200, बोल्ड 9300 से 9400, उड़द मोगर 9800 से 9900, बोल्ड 10000 से 10100 रुपए।
काबली चना कंटेनर भाव
काबली चना (40-42) 11700, (42-44) 11500, (44-46) 11300, (58-60) 10100 रुपए।
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