script95 किमी दूर जबलपुर के लिए 140 किमी का सफर | 140 km journey to Jabalpur, 95 km away | Patrika News

95 किमी दूर जबलपुर के लिए 140 किमी का सफर

locationमंडलाPublished: May 18, 2019 08:07:05 pm

Submitted by:

Vikhyaat Mandal

जिले वासियों को वाया निवास जाना पड़ रहा जबलपुर

140 km journey to Jabalpur, 95 km away

140 km journey to Jabalpur, 95 km away

मंडला। लगभग 95 किमी. दूर जबलपुर तक पहुंचने के लिए जिलेवासियों को 140 किमी लंबा सफर तय करना पड़ रहा है क्योंकि मंडला-जबलपुर हाइवे पिछले चार सालों से निर्माणाधीन है। जगह जगह जानलेवा गड्ढे, धूल, गिट्टी, मुरम, रेत के बिखरे ढेरों के कारण इस मार्ग पर वाहन चलाना किसी जोखिम उठाने से कम नहीं। साथ ही वाहनों में लगातार टूट फूट भी बढ़ रही है। यही कारण है कि ज्यादातर जिलेवासी दोपहिया या चौपहिया वाहनों से व्हाया निवास जबलपुर जा रहे हैं। इसके लिए उन्हें लगभग 45 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। व्हाया निवास जबलपुर पहुंचने में लोगों को लगभग 4.30 घंटे लग रहे हैं। मंडला-जबलपुर हाइवे के धीमे निर्माण ने जिलेवासियों के लिए मुश्किलें बेहद बढ़ा दी हैं, एक ओर जबलपुर जाने में अधिक समय लग रहा है तो दूसरी ओर अतिरिक्त 45 किमी का सफर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
यहां भी है जान को जोखिम
व्हाया निवास जबलपुर पहुंचने में भी जिलेवासियों को जान का जोखिम बना हुआ है क्योंकि यह रास्ता गहरी और संकरी घाटियों से भरा हुआ है। आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं, अब तक इस मार्ग पर दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। मंडला-निवास मार्ग पर संकरी घाटियां लगभग 20 किमी की दूरी तक फैली हुई हैं। मंडला से रवानगी देने पर बकौरी से ये घाटियां शुरु हो जाती है और निवास मार्ग पर बबलिया तक लगातार फैली हुई हैं। इन घाटियों में वाहन चलाना किसी खतरे से कम नहीं। पिपरिया क्षेत्र से गुजरने वाली घाटियां बिल्कुल खड़ी होने के कारण यहां सबसे अधिक वाहन चालक अनियंत्रित हो रहे हैं और दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इन घाटियों से गुजरने के दौरान भारी वाहन अपने पहियों में बड़े बड़े बोल्डर का टेक लगाकर आगे बढ़ते हंै और बड़े बोल्डर मार्ग के बीच में जस का तस छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं। यही बोल्डर अन्य वाहनचालकों के दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बन गया है।
नहीं मिलता नेटवर्क
मंडला निवास मार्ग से जबलपुर जाते वाहनचालकों पर हर वक्त मुसीबतें मंडराती रहती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में घने जंगल और घाटियां होने के कारण मोबाइल के नेटवर्क नहीं मिलते। निवास मार्ग पर मंडला से लगभग 25 किमी दूर पडऩे वाला क्षेत्र खारी, उससे लगभग तीन किमी आगे साजपानी और उससे 5 किमी आगे तरवानी तक के क्षेत्र घने जंगलों से भरे पड़े हंै। इस पूरे क्षेत्र में कोई मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता। यही कारण है कि यह क्षेत्र मंडला-निवास मार्ग का सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यदि किसी राहगीर अथवा यात्री को मदद की आवश्यकता हो तो अन्य वाहन चालक यहां मदद के लिए रुकते भी नहीं। यही कारण है कि मंडला-निवास मार्ग पर रात का सफर बेहद आपातकालीन परिस्थितियों में ही किया जा रहा है।
केस-1
बोल्डर ने किया अनियंत्रित
मंडला-निवास मार्ग पर पिपरिया क्षेत्र की घाटी की खड़ी चढ़ाई चढऩे के लिए बड़े भारी वाहन चालक पहियों में टेक लगाने के लिए बोल्डर इस्तेमाल करते हैं और उन्हें वहीं छोड़कर आगे निकल जाते हैं। उसी बोल्डर की चपेट में आकर स्थानीय युवा रोहित चौकसे अपने वाहन से नियंत्रण खो बैठे और दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इसी मार्ग पर एक अन्य बाइक सवार बोल्डर की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और सीधे खाई में जा गिरा। देर तक इलाज न मिल पाने के कारण युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
केस-2
लगभग 10 दिनों पहले मंडला नगरपालिका क्षेत्र के उपनगरीय इलाके के पार्षद परिवार के परिजन मंडला निवास मार्ग पर साजपानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गए। नेटवर्क नहीं मिल पाने के कारण उन्हें देर तक मदद नहीं मिल सकी। न ही समय पर पुलिस पहुंच सकी और न ही 100 डायल। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में एक वाहन में खराबी आ जाने से वाहन चालक और उसमें सवार लोगों को लगभग 8 किमी का सफर पैदल तय करना पड़ा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो