10-12 हजार रुपए महीने का भुगतान करने का लालच देकर ले जाया गया था
बताया गया है कि सभी ग्रामीणों को 10-12 हजार रुपए महीने का भुगतान करने का लालच देकर ले जाया गया था। वहां अलग अलग मुर्गी फार्म और ट्यूब फैक्टरी पर भेज दिया गया। मौके पर मजदूरों से अधिक कार्य करवाया जा रहा था। मजदूरी मांगने पर मजदूरी नही दी जा रही थी। न ही उन्हें वापस आने के लिए छोड़ा जा रहा था। सभी मजदूरों को बंधक बना लिया गया था और जबरन काम कराया जा रहा था। कुछ मजदूरों ने अपने गांव के परिजनों को मोबाइल के माध्यम से आप बीती बताई गई। जब परिजनों द्वारा मोतीनाला थाने पर शिकायत की गई और जन साहस के टोल फ्री नंबर पर सम्पर्क कर शिकायत की गई जब जनसाहस और पुलिस की मदद से 8 लोगों को रेस्क्यू करवाया गया शेष लोगों की तलाश की जा रही है।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला का कहना है कि इस मामले की तह तक पहुँच सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी और स्थानीय ठेकेदार से पूछताछ कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी और प्राथमिक तौर पर मजदूरों को उनकी मजदूरी दिलाई जाएगी।
दिसंबर माह में भी हुई थी तस्करी
मानव तस्करी के मामले जिले में अब आम हो चले हैं। दिसंबर महीने में भी घुघरी क्षेत्र के सुरेहली गांव से लगभग दो दर्जन लोगों को मानव तस्करी के जाल में फंसाकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर ले जाया गया था। वहां उन्हें बंधक बनाकर रखा गया। अमानवीय यातनाएं देते हुए उनसे मजदूरी ली गई। किसी तरह जब ये खबर गांव तक पहुंची तो उन्हे छुड़वाने के प्रयास शुरु किए गए। महाराष्ट्र पुलिस की मदद से सभी मजदूरों को छुड़वाया गया। जब वे घर वापसी के लिए कोल्हापुर रेल्वे स्टेशन पहुंचे तो सुरेहली गांव के ग्रामीणों को ढुंढवाया गया। भूख, प्यास से बेहाल ग्रामीणों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था कराई गई है।