मंडलाPublished: Sep 25, 2020 02:16:07 pm
Mangal Singh Thakur
चावल भंडारण के सैंपल की रिपोर्ट पहुंची मुख्यालय
39 pass in 90 stag sample, 51 sample fail
मंडला. आदिवासी बहुल्य जिले में पीडीएस-सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए लाखों उपभोक्ताओं को लगभग 7 हजार 650 मीट्रिक टन अमानक चावल खपाने की तैयारी की गई थी। यह बात पूरी तरह स्पष्ट हुई गुरूवार की देर शाम को, जब नागरिक आपूर्ति निगम से कलेक्टर कार्यालय को यह जानकारी उपलब्ध कराई गई कि जिले भर के गोदामों में भंडारित चावल के लिए गए सैंपल से यह बात सामने आई है कि गोदामों में भंडारित 7 हजार 650 मीट्रिक टन चावल अमानक स्तर का है और शेष 5 हजार 850 मीट्रिक टन चावल को ही शासकीय उचित मूल्य दुकानों के जरिए हितग्राहियों को वितरित किया जा सकता है। जिले भर से कुल 13 हजार 500 मीट्रिक टन चावल का सैंपल 90 स्टेग के जरिए लिया गया था। प्रत्येक स्टेग से 1 सैंपल लिया गया था। इसतरह कुल 90 सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए थे। जानकारी के मुताबिक, इनमें से 39 सैंपल पास किए और शेष 51 सैंपल को फेल कर दिया गया है। एक स्टेग में लगभग 1500 क्ंिवटल चावल भंडारण किया जाता है।
केंद्र सरकार की टीम ने किया था खुलासा
केंद्र सरकार की टीम ने जिले के कटंगी-सेमरखापा स्थित संगम वेयर हाउस के 61 में से 10 स्टेग के चावल का सैंपल लिया था। रिपोर्र्ट में खुलासा हुआ कि इस वेयरहाउस में स्टॉक किया गया चावल मुर्गीदाने के समान बदतर हालत में था जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए जिले के सैकड़ोंं शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के जरिए बांटे जाने की तैयारी थी। केंद्र सरकार के टीम की रिपोर्ट में खुलासा होते ही प्रदेश शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और सबसे पहले ईओडब्ल्यू की टीम की उपस्थिति में संगम वेयर हाउस के गोदामों में स्टॉक किए गए पूरे 61 स्टेग चावल के नमूने लिए गए। इसके बाद जिले के अन्य वेयर हाउस में संग्रहित लगभग 29 स्टेग चावल के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए गए हैं। बताया गया था कि जिले के सभी वेयर हाउस में संग्रहित लगभग 14 हजार मीट्रिक टन चावल की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग चुका है जिसका खुलासा रिपोर्ट आने के बाद होगा।
अप्रैल माह से मिलिंग
वर्ष 2020 के अप्रैल माह से जिले भर में धान मिलिंग शुरू हुई थी। वर्ष 2019-20 में खरीदे गए 11 लाख 87 हजार 929 क्विंटल धान की मिलिंग अप्रैल माह से शुरू हो गई। लगभग 11 लाख 50 हजार क्विंटल धान की मिलिंग कर ली गई। इससे निकले चावल को एफएक्यू मानक स्तर का होना था लेकिन राईस मिलों द्वारा मिलिंग के बाद एफएक्यू (मानक स्तर) का चावल जमा न कर सीएमआर के लिए किए गए अनुबंध का उल्लंघन किया और जिले के सभी वेयर हाउस में अमानक स्तर का कई हजार मीट्रिक टन चावल स्टॉक करवा दिया गया। जिसका खुलासा केंद्र सरकार की टीम की दबिश के बाद हुआ।
इस बारे में ओपी पांडे, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि जिले के सभी गोदामों से लिए गए चावल के 90 स्टेग के नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में 39 सैंपल को पास और श्ेाष 51 सैंपल को फेल किया गया है।