विशेषज्ञ डाक्टरों और स्टाप की कमी
मेडिसिन विशेषज्ञ, शल्य क्रिया विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ के दो-दो पद स्वीकृत हैं, जो सभी पद अभी रिक्त पड़े हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ के दो में से एक पद रिक्त है। नेत्र रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजी विशेषज्ञ, अस्थि रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, मैट्रन के एक-एक पद स्वीकृत हैं जो रिक्त पड़े हुए हैं। चिकित्सा अधिकारी के 5 पद स्वीकृत हैं जो 4 रिक्त पद है। स्टाफ नर्स 30 होनी चाहिए, लेकिन अब तक सिर्फ 22 नर्स हैं। लैब टेक्नीशियन, ओटी अटेंडेंट के तीन पद स्वीकृत हैं। लेकिन दो-दो पद अब भी रिक्त हैं।
ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि भवन नए बन जाने से सुविधाओं में इजाफा तो हो सकता है। लेकिन जब चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के साथ ही जरूरी विभाग के पद रिक्त पड़े हैं तो लोगों का अच्छा ईलाज और उनकी देख रेख में मुश्किलें आ रही हैं।
पहुंचते हैं बालाघाट सिवनी के मरीज
नैनपुर विकास खंड की 74 ग्राम पंचायतो से जनता उपचार के लिए यहां आती है। इसके अलावा बालाघाट, सिवनी जिले के नजदीकी गांव देहात के मरीजों का नैनपुर अस्पताल में इलाज कराने का सिलशिला अनेक वर्षों से होता आ रहा है। जो अब 100 बिस्तर सिविल अस्पताल होने से ओर बढ़ गया है। प्रतिदिन यहां करीब 200 से 250 मरीजों का आना लगा रहता है। ओपीडी सहित यहां गर्भवती महिलाओं की प्रसूति के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं यहां प्रसव के लिए पहुंचती हैं। इलाज के लिए आये लोगो को स्टॉफ की कमी से भारी मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं।
इनका कहना है
डाक्टरों और स्टाप की कमी है। यहां नैनपुर के अलावा सिवनी और बालाघाट जिले के गांवों से बड़ी संख्या में मरीज यहां उपचार कराने आते हैं। विभाग को कई बार पत्र लिख कर अवगत कराया गया है। लेकिन स्टाप कम होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डॉ सुरेन्द्र बरकड़े, बीएमओ नैनपुर