मंडलाPublished: Apr 30, 2021 12:05:39 pm
Mangal Singh Thakur
बिना मास्क सैनेटाइजर के प्रशासन ने उतारा मैदान में
5 thousand women surveyed at risk of infection
मंडला. जिले मे कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। हजारों लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके है और सैकड़ों नए मरीज प्रतिदिन इस वैश्विक महामारी की चपेट में आ रहे हैं। विभागीय सूत्र बता रहे हैं कि इसके अलावा जिले भर में ऐसे संदिग्ध लोगों की संख्या 20 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है जिन्हें कोरोना टेस्ट की आवश्यकता है ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि वे कोरोना संक्रमण के दायरे के अंदर हैं या बाहर। ऐसे ही संदिग्ध लोगों की तलाश के लिए जिले भर में हजारों महिलाओं को सर्वे करने के लिए उतारा गया है जो घर घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ले रही हैं। इन सर्वेयर को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इस बात का पता लगाएं कि किस घर में सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीडि़त लोग हैं। इसके अलावा किस क्षेत्र में बाहर से लोग आएं हैं या क्षेत्र में संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन का पालन कर रहे हैं या नहीं। इन सभी की जानकारी सर्वे टीम जुटा रही है। इस सर्वे टीम में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की लगभग 2 हजार 300 कार्यकर्ताओं और 1800 सहायिकाओं को शामिल किया गया है।
न मास्क, न सैनेटाइजर
हैरत की बात है कि जिस जिले में प्रतिदिन सौ से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। उस जिले में घर घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य पड़ताल की जांच कर रही टीम को न ही जिला प्रशासन ने मास्क उपलब्ध कराए हैं और न ही हैंड सैनेटाइजर। सूत्रों के मुताबिक इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से कहा गया है कि वे स्वयं के व्यय पर ही इनकी व्यवस्था करें। सर्वे कर रहीं महिलाओं में इस बात का आक्रोश है कि जिला प्रशासन ने उन्हें कोरोना संक्रमण की आग में झोंक दिया है। जिला प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग को इस बात की कोई परवाह ही नहीं कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों या कोरोना संदिग्धों को तलाशने मे जुटी ये सर्वेयर टीम यदि खुद ही इस महामारी की चपेट में आ गई तो उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
फंड का पता नहीं
सूत्रों के मुताबिक जिले भर में कोरोना संदिग्धों और संक्रमितों की तलाश में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मास्क और सैनेटाइजर के लिए करोड़ों रुपयों का फंड आया है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस बात से पूरी तरह अंजान बने हुए हैं कि यदि फंड आया है तो उसे सर्वेयर टीम के लिए मास्क और सैनेटाइजर खरीदी के लिए खर्च क्यों नहीं किया जा रहा है। विभागीय कर्मचारियों में यह चर्चा भी दबी जुबान में चल रही है कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार, मैदान में काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स की जिंदगी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित विभाग और जिला प्रशासन की है। सभी देख रहे हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बिना मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर के सर्वे करते हुए अपनी जान जोखिम में डाले हुए है लेकिन सभी ने चुप्पी साध रखी है।
फैक्ट फाइल:
सर्वे टीम में शामिल आंगनबाड़ी कर्मचारी
2290 कार्यकर्ता
1880 सहायिका