मंडला. सूचना-तकनीक के इस जमाने में हाथों से पत्र लिखने की आदत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। ऐसे में डाक व्यवस्था भी खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। देश भर के लोगों में एक बार फिर से पत्र लिखने में दिलचस्पी पैदा करने के मकसद से उत्तराखंड के डाक विभाग ने एक अनोखी पहल की है। इसके तहत अब विभाग ने ‘ढाई आखरÓ नाम से पत्र लेखन प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा।
भारतीय डाक विभाग ने लोगों में पत्र लेखन की आदत डालने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे देश में पत्र लेखन प्रतियोगिता शुरू की है। डाक विभाग की ओर से आयोजित यह प्रतियोगिता रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित ‘आमार देशेर माटी’ से प्रेरित ‘मेरे देश के नाम खत’ विषय पर होगी। दो वर्गों में आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार दिया जाएगा। डाक विभाग के मुताबिक डाक सेवाओं की ओर लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए विभाग ने राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर जूनियर और सीनियर वर्ग में पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की है। डाक विभाग की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता की जीतने वाले को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम विजेता को
50 हजार, द्वितीय को 25 और तृतीय को 10 और प्रांतीय स्तर पर प्रथम को 25, द्वितीय को 15 और तृतीय विजेता को 10 हजार रुपए पुरस्कार दिया जाएगा। यह प्रतियोगिता 15 जून से शुरु हो चुकी है जो 30 सितंबर तक चलेगी। इसके तहत मेरे देश के नाम खत लिखकर अंतर्देशीय या लिफाफे में डाक विभाग के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल उत्तराखंड के नाम डाक से भेजा जाना है।
इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए डाक विभाग ने आयु सीमा निर्धारित की है। जूनियर वर्ग में 18 वर्ष तक और सीनियर वर्ग में 18 वर्ष के ऊपर का कोई भी व्यक्ति प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर दोनों वर्गों के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को नकद पुरस्कार दिया जाएगा। पत्र प्रधान डाकघर में भी स्वीकार किए जाएंगे।